मध्य प्रदेश में बाल विवाह रोकने के लिए राज्य शासन द्वारा किए जा रहे तमाम दावों की जमीन पर हवा निकल रही है. प्रदेश में साल दर साल बाल विवाह के मामले घटने की जगह बढ़ते जा रहे हैं.
पिछले 5 साल में प्रदेश में 2916 बालिकाएं वधु बन चुकी हैं. इसका खुलासा विधानसभा में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दिए गए जवाब से हुआ.
विधानसभा में दी गई जानकारी में सामने आया है कि साल 2025 में ही 535 बाल विवाह हुए. हालांकि जब इस संबंध में विभागीय मंत्री से सवाल किया गया तो उन्होंने पूछा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, आखिर यह जानकारी कहां से आई.
बाल विवाह रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के तहत कई गतिविधियां आयोजित की जाती हैं. अक्षय तृतीया, देव उठनी एकादशी पर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं. हर जिले में अधिकारियों के नेतृत्व में दर्जनों कमेटियां निरीक्षण के लिए बनाई जाती है. विवाह कराने वाले पंडितों से लेकर बैंड बाजा वालों तक की जिम्मेदारी तय की जाती है, लेकिन इसके बाद भी जमीनी सच्चाई चौंकाने वाली है.
तमाम दावों के बाद भी मध्यप्रदेश में पिछले 5 सालों में 2916 बालिकाएं वधु बन गई और सरकार को पता तक नहीं चला. प्रदेश में साल दर-साल बाल विवाह के मामले कम होने के स्थान पर बढ़ रहे हैं. साल 2025 में 538 बाल विवाह हुए. साल 2024 में यह आंकड़ा 529 और 2023 में 528 था. साल 2022 में बाल विवाह का आंकड़ा 519 था.
वर्ष – बाल विवाह
2020- 366
2021- 436
2022- 519
2023- 528
2024- 529
2025- 538
दमोह सबसे आगे
साल 2025 में मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के दमोह जिले में बाल विवाह के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं. दमोह जिले में इस साल 115 बाल विवाह के मामले सामने आए हैं, जबकि 2024 में सिर्फ 33 बाल विवाह हुए थे.
इसी तरह राजगढ़ में इस साल 44 बाल विवाह हुए हैं. सागर में 24, नरसिंहपुर में 23, छतरपुर में 35 के अलावा इंदौर में 7 बाल विवाह हुए हैं.
कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा “ये आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश सरकार सामाजिक उत्थान में विफल साबित हुई है. जबकि बाल विवाह को रोकने सरकार हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है, ऐसे मामले रोकने के लिए, लेकिन बाल विवाह कम होने के स्थान पर बढ़ गए.”
वहीं, महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया से बाल विवाह के मामलों को लेकर सवाल किए गए तो वह अनजान दिखाई दी. उन्होंने इन आंकड़ों को लेकर ही आश्चर्य जताया.
मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा “आखिर ये आंकड़े कहां से आए, मुझे देखना पड़ेगा. विधानसभा में इस तरह का कोई मुद्दा ही नहीं आया. दिखवाना पड़ेगा कि आखिर बाल विवाह के ये आंकड़े कहां से आए.”



