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13 पंचायत सचिवों के तबादले, लंबे समय से थे एक ही जगह

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मध्य प्रदेश में इन दिनों हर विभाग में अधिकारियों के तबादले किए जा रहे हैं। इसी क्रम में भोपाल जिले में पंचायत सचिवों के तबादलों का दौर जारी है। हाल ही में 13 सचिवों का ट्रांसफर किया गया, जिससे 7 दिन में कुल 43 सचिवों का तबादला हो चुका है। इन्हें 14 दिनों में नई पंचायत में कार्यभार संभालना होगा, अन्यथा वेतन और छुट्टियों पर असर पड़ेगा। तबादले ये तबादले प्रभारी मंत्री चैतन्य कश्यप की मंजूरी और नियमों के अनुसार किए गए हैं।

अब 13 पंचायत सचिवों का ट्रांसफर

भोपाल में एक बार फिर कई सालों से एक ही ग्राम पंचायत में जमे 13 पंचायत सचिवों के तबादले किए गए हैं। मंगलवार देर रात सचिवों की ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई। सचिवों को उनकी वर्तमान पंचायतों से स्थानांतरित कर नई पंचायतों में भेजा गया है। इस सूची में उन्हीं सचिवों को प्राथमिकता दी गई है, जो वर्षों से एक ही पंचायत में पदस्थ थे या अपने घर/ससुराल के नजदीक तैनात थे। इस प्रकार, 7 दिनों में कुल 43 सचिवों का ट्रांसफर किया गया है। इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के साथ ही जनप्रतिनिधियों की सलाह को भी तवज्जो दी गई है।

प्रभारी मंत्री की मंजूरी के बाद आदेश जारी

इस सूची को अंतिम रूप देने से पहले जिले के प्रभारी मंत्री चैतन्य कश्यप से अनुमोदन लिया गया। इससे पहले, 10 जून को मंत्री चैतन्य कश्यप ने 30 सचिवों के तबादला करने को लेकर मंजूरी दी थी। तबादलों में स्थानांतरण नीति के क्राइटेरिया के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों की पसंद को भी ध्यान में रखा गया है। अब ट्रांसफर की समय सीमा में 13 और सचिवों के एक और सूची जारी की गई।

भोपाल में 222 ग्राम और दो जनपद पंचायत

भोपाल जिले में कुल 222 ग्राम पंचायतें हैं और दो बैरसिया और फंदा जनपद पंचायत हैं। सचिवों का ट्रांसफर इन्हीं जनपदों की पंचायतों के अंतर्गत किया गया है। इससे पंचायतों के प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बढ़ेगी।

14 दिन में संभालनी होगी नई जिम्मेदारी

सचिवों को नई पंचायत में 14 दिन के भीतर कार्यभार ग्रहण करना अनिवार्य है।

यदि किसी सचिव के रिश्तेदार पहले से पंचायत पदाधिकारी हैं तो ट्रांसफर स्वत: रद्द माना जाएगा।

सचिव की पोस्टिंग उसकी पैतृक या ससुराल की पंचायत में हुआ है तो तबादला निरस्त माना जाएगा।

समय पर जॉइनिंग नहीं करने पर वेतन और छुट्टी पर रोक रहेगी। सचिव कार्यमुक्त होने और नई ज्वाइन के बाद ही वेतन और छुट्‌टी भी ले सकेंगे। समय पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर कार्रवाई होगी।

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