भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को बैतूल जिले के सारणी में आयोजित स्व-सहायता समूह सम्मेलन में शिरकत की। कार्यक्रम से सीएम ने जिले को बड़ी सौगात भी दी। उन्होंने यहां 464 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया। साथ ही स्व-सहायता समूह से स्टार्ट-अप अभियान के तहत 4 स्व-सहायता समूह की महिलाओं को स्टार्ट-अप कंपनियों में 8 करोड़ 10 लाख रुपए के इंट्रेस्ट टू इन्वेस्ट पत्र भी वितरित किए। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्यमंत्री जनजातीय कार्य दुगार्दास उईके, जिले के प्रभारी मंत्री ारेन्द्र शिवाजी पटेल, विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे, और चन्द्रशेखर देशमुख भी मौजूद थे।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश के साथ पूरा देश लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयंती मना रहा है और हमारी सरकार महिला स्वावलंबन तथा सशक्तिकरण की दिशा में लगातार काम कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मठार देव बाबा और मां ताप्ती के जयघोष करते हुए कहा कि बैतूल जिले के सारणी की महिमा न्यारी हैं, सही मायनों में धरती की शोभा सारणी में विद्यमान है।
सीएम ने कहा कि सारणी ने पूरे प्रदेश को ऊर्जा से सराबोर करते हुए विकास के कारवां को आगे बढ़ाया जिससे मध्यप्रदेश जगमगाया। सारणी के कोल भंडार सोने की तरह है। बैतूल जिले को ईश्वर का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त हुआ। कोयले के भंडार, मां ताप्ती का उद्गम ,उन्नत कृषि इत्यादि प्राकृतिक संपदाओं के साथ यह जनजातीय अंचल विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा हैं। प्रदेश के पहले फूड पार्क की स्थापना बैतूल जिले में ही की गई हैं, जो स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सेवाभावना का उदाहरण हैं।
बहनों के जीवन को खुशहाल बनाने सरकार संकल्पबद्ध
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज “मैं अपनी बहनों से मिलने बैतूल आया हूं”। उन्होंने कहा कि बहनों के जीवन में दुख की छाया कभी ना आए और उनकी हर मनोकामनाएं पूर्ण हो, इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार संकल्पबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की गौरव गोंडवाना की महारानी दुर्गावती ने अपने शौर्य और पराक्रम से एक नहीं बल्कि 52 युद्ध में मुगल आक्रांताओं को परास्त किया। अपने अंतिम युद्ध में भी रानी दुर्गावती ने गुलामी स्वीकार न करते हुए स्वयं अपने खंजर से बलिदान देकर प्रदेश को गौरवान्वित किया। ऐसा मध्यप्रदेश की बहनों का स्वर्णिम इतिहास रहा है। इसी प्रकार वीरांगना झांसी की रानी ने भी अंग्रेजों को करारी परास्त देकर देश की स्वतंत्रता की नींव रखीं।
लोकमाता का जीवन जनहित को रहा समर्पित
सीएम ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई का पूरा जीवन जनहित को समर्पित रहा। उन्होंने शासन का भी अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया। महेश्वर से शासन चलाते हुए दक्षिण भारत रामेश्वरम, हैदराबाद, बैंगलोर से कारीगर बुलाकर साड़ी बनाने की कलां बुनकरों के माध्यम से बहनों को सिखाई। साड़ियां बनाने के कारखाने स्थापित किए जिससे महेश्वरी साड़ियां आज पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। बहनों को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़कर नारी सशक्तिकरण के अद्भुत काम रानी अहिल्याबाई द्वारा किए गए। बनारस, सोमनाथ, बद्रीनाथ और राज्य की सीमा के बाहर भी देवस्थान, घाट अन्न क्षेत्र और धर्मशालाएं बनवाने का काम किया, जिससे देव दर्शन के साथ देश की एकता और अखंडता भी बनी रहे।