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पीएम मोदी 31 को WRD को देंगे करोड़ों की सौगात, इसमें शिप्रा के घाट भी शामिल, साक्षी बनेगा जंबूरी मैदान

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भोपाल। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती के अवसर पर मप्र सरकार 31 कई को भोपाल में महिला सशक्तिकरण महासम्मेलन आयोजित करेगी। इस सम्मेलन में करीब दो लाख महिलाओं के आने की उमीद है। जंबूरी मैदान में आयोजितन होने वाले विशाल महिला सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिरकत करेंगे। यहीं नहीं कार्यक्रम से पीएम मोदी मप्र को कई बड़ी सौगातें भी देंगे। पीएम जल संसाधन विभाग के 863.69 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का वर्चुअल भूमि पूजन करेंगे। इनमें 778.91 करोड़ रुपए की लागत से शिप्रा नदी पर घाट निर्माण और 84.78 करोड़ रुपए की लागत से बैराज, स्टॉप डेम एवं वेंटेड कॉजवे निर्माण कार्य शामिल हैं। यह जानकारी जल संसाधान मंत्री तुलसी सिलावट ने दी हे।

मंत्री सिलावट ने बताया कि उज्जैन जिले में शिप्रा नदी पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये दोनों किनारों पर शनि मंदिर से नागदा बायपास तक लगभग 30 किलोमीटर घाट निर्माण कार्य कराया जाएगा जिसकी लागत 778.91 करोड़ रुपए होगी। कार्य दिसंबर 2027 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है। इसी प्रकार शिप्रा नदी पर जल संसाधन विभाग द्वारा 09 बैराज का निर्माण (उज्जैन जिले में 01, इंदौर जिले में 01 एवं देवास जिले में 07 बैराज) एवं नगर निगम उज्जैन द्वारा कालियादेह स्टॉप डेम का मरम्मत कार्य कराया जाएगा। कान्ह नदी पर 11 बैराजों (उज्जैन जिले में 05 एवं इंदौर जिले में 06) का निर्माण कार्य होगा । इन कार्यों की कुल लागत 84.78 करोड़ रुपए होगी।

सिंहस्थ 2028 के अंतर्गत अन्य कार्य

  • कान्ह नदी पर कान्ह डायवर्सन क्लोज डक्ट परियोजना लागत राशि 919.94 करोड़ रुपए ।
  • परियोजना के अंतर्गत कान्ह नदी के दूषित जल को 18.5 किलोमीटर कट/कवर एवं 12 किलोमीटर टनल निर्माण कर उज्जैन शहर की सीमा के बाहर शिप्रा नदी में प्रवाहित किया जाना प्रस्तावित है।
  • परियोजना के निर्माण के लिये 15 मार्च 2024 को अनुबंध निष्पादित कर कार्य आरंभ किया जाकर सितम्बर 2027 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
  • सेवरखेडी – सिलारखेडी मध्यम सिंचाई परियोजना लागत राशि 614.53 करोड़ रुपए।
  • परियोजना के तहत उज्जैन जिले के ग्राम सेवरखेड़ी में शिप्रा नदी पर बैराज का निर्माण कर पम्पिंग के माध्यम से प्रस्तावित सिलारखेडी जलाशय में जल एकत्रित कर आवश्यकता अनुसार क्षिप्रा नदी में प्रवाहित किया जायेगा।
  • परियोजना से उज्जैन शहर को पेयजल एवं विभिन्न धार्मिक पर्वों पर श्रद्धालुओं की भावनाओं के अनुरूप निर्मल अविरल जल उपलब्ध कराया जायेगा। कार्य वर्ष 2027 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।
  • सिंहस्थ 2028 से संबंधित सभी कार्यों (कुल राशि 2 हजार 398 करोड़ रुपए) की स्वीकृति समय सीमा में प्राप्त कर, सिंहस्थ 2028 के पूर्व दिसंबर 2027 तक पूर्ण किया जाना लक्षित है।

 

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