नई दिल्ली। आम आदमी के लिए राहत भरी खबर है। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में बड़े पैमाने पर कटौती कर दी है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को एमपीसी की बैठक के बाद नीतिगत ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट कटौती का एलान किया है। आरबीआई के इस फैसले के बाद अब ब्याज दर 6 प्रतिशत से घटकर 5.5% हो गई। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने ऐलान करते हुए कहा कि बहुमत से ये फैसला लिया गया है। केंद्रीय बैंक के इस फैसले से लोन की ईएमआई कम होने का रास्ता भी साफ हो गया है, हालांकि ऐसा बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कटौती के एलान के बाद ही हो पाएगा।
बता दें कि इससे पिछली दो एमपीसी बैठकों में भी ब्याज दरें 25-25 बेसिस पॉइंट घटाई गई थीं। रेपो रेट में कटौती 0.50% की कटौती के बारे में जानकारी देते हुए आरबीआई गनर्वर संजय मल्होत्रा ने बताया कि विकसित हो रहे व्यापक आर्थिक और वित्तीय विकास और आर्थिक परिदृश्य के विस्तृत आकलन के बाद मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती करने का निर्णय लिया है। बैठक में एसडीएफ रेट 5.75% से घटाकर 5.25% किया गया है, जबकि एमएसएफ रेट को भी 6.25% से घटाकर 5.75% कर दिया गया है। उन्होंने ग्लोबल मार्केट में अनिश्चितता बरकरार रहने की बात कहते हुए वित्तीय वर्ष 26 महंगाई अनुमान भी जाहिर किया और ये 3.7% रखा गया है। इससे पहले ये 4 फीसदी जताया गया था। इसके साथ ही मल्होत्रा ने बताया कि बैठक में कैश रिजर्व रेशियो को भी 4 फीसदी से 100 बेसिस पॉइंट घटाकर 3 फीसदी करने का फैसला किया गया है।
इकोनॉमिक ग्रोथ को मिलेगा सपोर्ट
रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट कट का ऐलान करते हुए इस कदम को इकोनॉमिक ग्रोथ को सपोर्ट करने वाला बताया। उन्होंने आगे कहा कि भारत लगातार निवेश के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बन रहा है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार बढ़ रहा है और ये फिलहाल 691.5 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है। इसके अलावा उन्होंने एक और अहम जानकारी शेयर करते हुए बताया कि आर्थिक हालात को देखते हुए आरबीआई ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी स्ट्रेटजी का रुख अूूङ्मेङ्मंि३्र५ी से बदलकर अब ठी४३१ं’ कर दिया है। यानी अब रिजर्व बैंक रेपो रेट घटाने या बढ़ाने को लेकर कोई अक्रामक फैसला नहीं लेगा।
कोविड के बाद पहली बार लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती
फरवरी 2025 से आरबीआई ने नीतिगत दर में 100 आधार अंकों की कटौती की है। अप्रैल में अपनी पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में भी केंद्रीय बैंक रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती की थी और इसे 6 प्रतिशत कर दिया था। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि रेपो में 100 आधार अंकों की त्वरित कटौती के बाद अब एमपीसी के पास विकास को समर्थन देने के लिए सीमित गुंजाइश बची है। कोविड-19 के बाद यह पहली बार है कि आरबीआई ने फरवरी 2020 से लगातार तीन बार ब्याज दरों में कटौती की है।
जीडीपी का पूवार्नुमान 6.5% पर बरकरार, महंगाई का अनुमान 4% से नीचे
हालांकि, मल्होत्रा ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का पूवार्नुमान 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। अच्छे मानसून की उम्मीदों के चलते मुद्रास्फीति का अनुमान 4 प्रतिशत से घटाकर 3.7 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एमपीसी का मानना है कि ब्याज दरों में कटौती से विकास को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, दर निर्धारण पैनल ने अपना रुख ‘अकोमोडेटिव’ से बदलकर तटस्थ कर दिया है।