20.1 C
Bhopal

73 लाख की ठगी टली, डिजिटल अरेस्ट के झांसे से बचे 64 वर्षीय बुजुर्ग

प्रमुख खबरे

मध्यप्रदेश पुलिस की सतर्कता से एक 64 वर्षीय बुजुर्ग लाखों रूपए की ठगी का शिकार होने से बच गए।

बैतूल पुलिस ने “डिजिटल अरेस्ट” जैसे खतरनाक साइबर जाल से एक रिटायर्ड बुजुर्ग को मुक्त कराते हुए उनकी 73 लाख रुपये की जीवनभर की जमा-पूंजी को बचाया।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई से न केवल एक बड़ी ठगी रोकी गई, बल्कि साइबर अपराधियों की साजिश भी विफल हुई।

यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमला जोशी, सारणी एसडीओपी प्रियंका करचाम तथा थाना प्रभारी श्री जयपाल इनवाती के मार्गदर्शन में पाथाखेड़ा पुलिस टीम द्वारा की गई।

पीड़ित चैतराम नरवरे, निवासी अशोका गार्डन, भोपाल (रिटायर्ड WCL कर्मचारी) को वीडियो कॉल के माध्यम से स्वयं को ईडी–सीबीआई अधिकारी बताने वाले ठगों ने झूठे मनी–लॉन्ड्रिंग आरोपों में फंसाकर भारी धनराशि देने का दवाब बनाया।

ठगों ने उन्हें पाथाखेड़ा, सारणी बुलाकर होटल के कमरे में “डिजिटल अरेस्ट” रखा, परिवार से बात करने से रोका एवं बैंक में उनकी एफडी तुड़वाने का दबाव बनाया। पीड़ित अपनी एफडी तुड़वाकर ठगों को देने के लिए बैंक से RTGS फॉर्म तक लेकर आ गए थे।

पीड़ित के परिजनों द्वारा लगातार संपर्क न हो पाने पर अनहोनी की आशंका के चलते परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पाथाखेड़ा पुलिस टीम ने तुरंत मोबाइल लोकेशन ट्रैक की, जो राजेश गेस्ट हाउस, बगडोना में मिली।

पुलिस जब होटल पहुँची, तो पीड़ित चैतराम नरवरे मानसिक रूप से सदमे की स्थिति में थे और तीन दिनों से चल रहे घटनाक्रम पर विश्वास नहीं कर पा रहा थे। उन्होंने प्रारंभ में पुलिसकर्मियों का भी सहयोग नहीं किया और “डिजिटल अरेस्ट” को सच मान बैठे थे।

पुलिस टीम ने धैर्यपूर्वक समझाइश देकर उनका भ्रम दूर किया तथा उन्हें सुरक्षित गेस्‍ट हाउस से बाहर निकालकर परिजनों से मिलवाया। समय पर की गई इस कार्रवाई से 73 लाख रुपये की ठगी टल गई।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे