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WhatsApp पर X raySetu बताएगा आप कोरोना संक्रमण है या नहीं  

कोरोना संक्रमण (Corona infection) की जांच के लिए आरटीपीसीआर (Rtpcr) रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है और ऐसे में मरीज की हालत खराब हो सकती है। इसी को देखते हुए कोविड-19 (Covid-19) के मरीजों की समय पर पहचान करने और जल्द से जल्द उन्हें इलाज मुहैया कराने के लिए ARTPARK, IISc और Niramai ने मिलकर XraySetu विकसित किया है। इसकी मदद से आप घर बैठे अपनी कोरोना रिपोर्ट पा सकते हैं। वाट्सएप आधारित चैटबॉट सिस्टम में आए वाट्सएप नंबर (Whatsapp number) 8046163838 पर चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray) भेजने के महज आधे घंटे के अंदर पता चलेगा कि कोरोना संक्रमण (Corona infection) है या नहीं। यह एक फ्री एआई- ड्राइवन सॉल्यूशन ऐप (Free AI – Drive Solution App) (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐप) है। जो कि वाट्सऐप चैटबॉट (WhatsApp Chatbot) के जरिए जल्द से जल्द जांच करके रिपोर्ट उपलब्ध करवाएगा। इसके साथ ही फेफड़ों में कितना संक्रमण है, वह कितने संवेदनशील हैं व उनकी स्थिति क्या है समेत 14 बीमारियों की पूरी जानकारी भी साथ में देगा ।

कैसे काम करेगा XraySetu
एक्सरे की फोटो (X-ray photo) क्लिक करके डॉक्टर या एक्सरे टेक्नीशियन (X-ray technician) को उस इमेज को वाट्सऐप चैटबॉट के जरिए XraySetu के नंबर पर भेजना होगा। इसके बाद एक्सरे सेतु हैंडल करने वाला टेक्नीशियन उस इमेज का अध्ययन करके वॉट्सऐप के जरिए ही रिपोर्ट वापिस भेज देगा। यह पूरी प्रक्रिया कुल 30 मिनट के अंदर हो सकती है। इस प्रक्रिया को पूरी करने के लिए डॉक्टर या टेक्नीशियन को https://wwww.xraysetu.com पर जाकर वॉट्सऐप चैटबॉट के जरिए एक्सरे की इमेज को XraySetu के वॉट्सऐप नंबर पर भेजना होगा।

सिर्फ आधे घंटे में मिल जाएगी पूरी जानकारी
कोरोना संक्रमण की जांच में आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है। वहीं, रैपिड टेस्ट (Rapid test) की विश्वसनीयता पर ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता। टेस्ट का सही नतीजा नहीं पता चलने से ठीक से इलाज नहीं हो पाता और मरीज की हालत खराब हो जाती है। वहीं, सीटी स्कैन काफी महंगा पड़ता है और आम इंसान जल्दी सीटी स्कैन नहीं करा पाता। एक्सरे सेतु इन लोगों का मददगार बनेगा। व्हाट्सएप के जरिए एक्सरे रिपोर्ट भेजने के आधे घंटे में आपको संक्रमण के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।

14 अतिरिक्त बीमारियों का पता लगा सकता है एक्सरे सेतु (XraySetu)
इस प्लेटफॉर्म की मदद से कोविड-19 के अलावा निमोनिया, टीबी जैसी 14 अन्य फेफड़ों की बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। एक्सरे सेतु एनालॉग व डिजिटल लंग एक्सरे (analog and digital lung x-ray) की मोबाइल द्वारा ली गई लो-रिजॉल्यूशन इमेज (Low-resolution image) का अध्ययन करने में भी सक्षम है। इस ऐप की मदद से पिछले 10 महीनों में गांव व ग्रामीण क्षेत्रों के 300 से अधिक डॉक्टरों की मदद की जा चुकी है।

आइआइटी के पूर्व छात्र ने विकसित की तकनीक
आइआइटी (IIT) के इनवायर्नमेंट इंजीनियरिंग (Environment Engineering) एंड मैनेजमेंट से एमटेक (M.Tech from Management) के पूर्व छात्र रहे उमाकांत सोनी ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, एआइ रोबोटिक्स टेक्नोलॉजी पार्क व निरामय हेल्थ के साथ मिलकर ‘एक्सरे सेतु’ विकसित किया है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial intelligence) इस्तेमाल की गई है। ‘एक्सरे सेतु’ से तीन सौ डॉक्टर जुड़े हैं। इसे विकसित करने में एक साल का समय लगा। शुरुआत में सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि रिसर्च के लिए कोविड पॉजिटिव एक्स-रे (Covid positive X-ray) नहीं मिल रहे थे।

10 महीने में 300 डाक्टरों को मिली मदद
एक्सरे सेतु ने पिछले 10 महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में 300 से अधिक डाक्टरों की मदद की है। इस चैट बॉट से कोविड-19 सहित तपेदिक, निमोनिया और फेफड़ों से संबंधित 14 अन्य बीमारियों का भी पता लगा सकता है। एक्सरे सेतु का उपयोग एनालाग और डिजिटल एक्स-रे दोनों के लिए किया जा सकता है। मोबाइल से भेजे गए कम-रेजोल्यूशन छवियों को देखकर भी यह बीमारी बताने में सक्षम है।

 

 

 

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