ज्योतिष

भाई दूज पर इस विधि से करें पूजा,जानें भाई को तिलक करने का मंत्र

दिवाली (Diwali) के पांच दिन त्योहार के आखिरी दिन भाई दूज (Bhai Dooj) का त्योहार मनाया जाता है।भाई दूज भाई- बहन का त्योहार है। भाई दूज के दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र के लिए कामना करती हैं। इस साल भाई दूज का त्योहार 06 नवंबर को पड़ रहा है। इस पर्व को यम द्वितीया भी कहा जाता है, इस दिन मृत्यु के देवता यमराज और उनकी बहन यमुना के पूजन का विधान है। राखी की तरह ही ये त्योहार भी भाई बहन को समर्पित होता है। इस दिन भाई अपनी बहनों से मिलने उनके घर जाते हैं। बहने भाई का तिलक और आरती कर उनकी नजर उतारती हैं। इसके अलावा भाई दूज के दिन पूजा सामग्री में कुछ चीजों को जरूर शामिल करना चाहिए।

शुभ मुहुर्त
भाई दूज का त्योहार 6 नवंबर 2021, शनिवार के दिन है। इस दिन शुभ मुहुर्त में ही तिलक करना चाहिए। भाई दूज के दिन तिलक करने का शुभ मुहुर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

पूजन विधि
भाई दूज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर भगवान का ध्यान करें। इस दिन शादीशुदा बहनें भाई को अपने घर बुलाकर उसका तिलक करती हैं। यदि भाई व्यस्तता के कारण नहीं आ पा रहा तो बहनें भी घर जाकर तिलक कर सकती हैं। भाई के लिए पिसे हुए चावल से चौक बनाएं और फिर भाई दूज की कहानी पढ़ें व सुनाएं. इसके बाद भाई को तिलक करें। तिलक के बाद भाई की आरती करें। भाई के हाथ में कलावा बांधे और मुंह मीठा करें। इस दिन भाई को सूखा नारियल भी दिया जाता है। तिलक करते हुए मन ही मन भगवान से भाई की लंबी उम्र की कामना करें। फिर भाई को भोजन कराएं और भाई अपनी इच्छानुसार बहन को कुछ उपहार देते हैं।

पूजा की थाली में जरूर रखें ये सामान

कुमकुम या हल्दी पाउडर
भाई दूज पर बहनें सबसे पहले भाइयों को तिलक लगाती हैं। ऐसे में तिलक लगाने के लिए कुमकुम(रोला) का होना बहुत जरूरी है। रोली के स्थान पर हल्दी पाउडर का तिलक भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा भाईदूज के दिन पूजा थाली में रोली जरूर रखें।

चावल
तिलक लगाने के बाद माथे पर चावल भी लगाया जाता है। इसको अक्षत भी कहते हैं। ध्यान रहें कि चावल टूटा हुआ नहीं होना चाहिए. भाईदूज के दिन पूजा की थाली में चावल जरूर रखें।

आरती के लिए दीया
भाईदूज के दिन बहनें अपने भाईयों की आरती भी उतराती हैं। आरती उतारने के लिए पूजा की थाली में दीपक का होना जरूरी है।

पूजा थाली में मिठाई
भाईदूज के पावन पर्व में बहनें भाई को मिठाई खिलाती हैं। इसलिए पूजा की थाली में मिठाई का होना जरूरी होता है।

बहने इस मंत्र का जप जरूर करें-
गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े।

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