और टेनिस के कोर्ट पर डूबा देश की उम्मीदों का सूरज

तोक्यो। भारत के सुमित नागल (Sumit Nagal) पुरुष एकल ( men’s singles tennis event ) के दूसरे दौर में रूस ओलंपिक समिति (आरओसी) (Russia Olympic Committe) के दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी दानिल मेदवेदेव (Daniil Medvedev) के खिलाफ सीधे सेटों में शिकस्त के साथ तोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) से बाहर हो गए जिससे टेनिस में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई।
दुनिया के 160वें नंबर के खिलाड़ी नागल को दूसरे वरीय मेदवेदेव के खिलाफ एक घंटा और छह मिनट चले मुकाबले में 2-6, 1-6 से हार का सामना करना पड़ा। मेदवेदेव ने पहले सेट में दो जबकि दूसरे सेट में तीन बार नागल की सर्विस तोड़ी।
नागल पहले दौर में उज्बेकिस्तान (Uzbekistan) के डेनिस इस्तोमिन (Denis Istomin) को 6-4, 6-7, 6-4 से हराकर ओलंपिक में 25 साल में पुरूष एकल स्पर्धा में जीत दर्ज करने वाले तीसरे भारतीय टेनिस खिलाड़ी बने थे।
जीशान अली ने सियोल ओलंपिक 1988 की टेनिस पुरूष एकल स्पर्धा में पराग्वे के विक्टो काबालेरो को हराया था । उसके बाद लिएंडर पेस ने ब्राजील के फर्नाडो मेलिजेनी को हराकर अटलांटा ओलंपिक 1996 में कांस्य पदक जीता था ।
इससे पहले महिल युगल में अनुभवी सानिया मिर्जा (Sania Mirza) और अंकिता रैना (Ankit Raina) की जोड़ी को पहले दौर में ही ल्युडमाइला किचेनोक (Lyudmyla Viktorivna Kichenok ) और नादिया किचेनोक (Nadiia Viktorivna Kichenok ) की युक्रेन (Ukraine) की जुड़वां बहनों की जोड़ी ने 0-6, 7-6, 10-8 से हराकर बाहर कर दिया था।