ज्योतिष

क्यों भरा जाता है मांग में सिंदूर ? कारण जान हो जाएंगी हैरान

लड़की की शादी होते ही उसके श्रृंगार में कई चीजें शामिल हो जाती है जैसे कि एक है मांग में सिंदूर भरना। सिंदूर को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। परम्पराएं तो अपनी जगह ठीक है किन्तु इनके पीछे का रहस्य क्या है? और क्यों मांग में सिंदूर भरा जाता है? अक्सर इसका जवाब आपको मिलेगा कि सिंदूर पति की लम्बी उम्र के लिए लगाया जाता है और बालों में जितना पीछे तक सिंदूर लगाया जाएगा उतनी ही अधिक पति की आयु होगी। हजारों-हजार वर्षों से यह रंग विवाहित स्त्री की पहचान और उसके सामाजिक रुतबे का पर्याय बना हुआ है। किन्तु इसके अलावा भी कुछ रहस्य है जो सिंदूर से जुड़े है. आज हम उनकी के बारे में आपको बताने जा रहे है। हालांकि, इसके पीछे कुछ ऐसे कारण भी हैं, जो विज्ञान, वास्तु और ज्योतिष शास्त्र से भी जुड़े हुए हैं। इन कारणों के बारे में बहुत ही कम लोग जानते……

पुराणशास्र के मुताबिक (according to mythology)
एक महिला तब तक सिंदूर लगाती है, जब तक उसका पति जीवित रहता है। हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, माता पार्वती न सिर्फ सिंदूर लगाने वाली महिलाओं के पति की रक्षा करती हैं, बल्कि वह आसपास मंडरा रही बुरी शक्तियों को भी दूर रखती हैं।

अच्छे भाग्य के लिए (for good luck)
लाल रंग को काफी शुभ माना जाता है। कई अन्य देशों में भी इस कलर को अच्छी किस्मत का प्रतीक माना जाता है। सुहागन का मांग में सिंदूर लगाना भी भाग्य को बढ़ाता है और उसके वैवाहिक जीवन को सुखी बनाता है। कहा जाता है कि महिला की यह सकारात्मक ऊर्जा उसके पति पर भी असर डालती है और उसे भी भाग्यशाली और सेहतमंद रहने में मदद करती है।

सिंदूर के वैज्ञानिक तथ्य ( Scientific View or Logic over Effective Vermilion )
सिंदूर सिर्फ परंपरा का हिस्सा ही नहीं बल्कि यह महिला की सेहत पर भी असर डालता है। साइंस की मानें, तो सिंदूर चूंकि हल्दी और लाइम से बनता है, इस वजह से इससे स्ट्रेस और स्ट्रेन को कम करने में मदद मिलती है। यह दिमाग को ज्यादा ऐक्टिव और अलर्ट रहने में भी मदद करता है। यह ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल में रखने में सहायता करता है।

सुहाग की निशानी ( The Sign of Married Women )
सिंदूर हर विवाहित स्त्री के लिए उनके सुहागन होने की निशानी के रूप में भी देखा जाता है क्योकि सिर्फ विवाहित स्त्रियाँ ही इसे लगा सकती है। इस तरह सिंदूर भरने को भी संस्कार माना जाता है जोकि सुमंगली क्रिया में आता है। शादी होने के बाद से लेकर पति या अपनी मृत्यु तक हर वैवाहिता अपनी मांग में सिंदूर अवश्य लगाती है. इसे नारी के श्रृंगार में एक अहम स्थान प्राप्त है जिसे महिलाओं के लिए मंगल सूचक माना जाता है।

शादी के बाद जिन्दगी होता है सिंदूर ( Vermilion is Life for Married Women )
जी हाँ, जिस तरह के सिंदूर के लाभ है उनसे ये कहा जाता है कि सिंदूर महिलाओं के लिए अमृत या जीवन की तरह होता है क्योकि ये ना सिर्फ चिंता मुक्त करता है बल्कि अनिद्रा, सिर दर्द, याददाशत का कमजोर होना, मन की में अशांति और चेहरे की झुर्रियाँ जैसी समस्याओं को भी दूर करता है। समुद्र शास्त्र में तो ये भी लिखा गया है कि सिंदूर अभागिन स्त्रियों के लिए नए भाग्य के द्वार खोलता है और उनके सभी दोषों का निवारण करता है। ये स्त्रियों की उत्तेजना को भी शांत करता है।

 

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button