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कभी मोदी सरनेम को करप्ट कहने वाली खुशबू सुंदर आखिर क्यों हो रही है ट्रोल?

राहुल, राहुल और सिर्फ राहुल... इस वक्त पूरी सुर्खियों में सिर्फ राहुल गांधी ही बने हुए है। हालांकि कारण भी बड़ा है। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाना कोई आम बात तो नहीं है।

दिल्ली : राहुल, राहुल और सिर्फ राहुल… इस वक्त पूरी सुर्खियों में सिर्फ राहुल गांधी ही बने हुए है। हालांकि कारण भी बड़ा है। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाना कोई आम बात तो नहीं है। इधर राहुल की सदस्यता को लेकर देश भर में बवाल मचा हुआ है, तो उधर दूसरी ओर बीजेपी नेता और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य खुशबू सुंदर को कांग्रेसियों ने ट्रोल कर दिया है। खुशबू सुंदर का पांच साल पुराना एक ट्वीट वायरल हो रहा है। जिसे लेकर कांग्रेस ने पूछा है कि क्या उनके (खुशबू सुंदर) खिलाफ भी कार्रवाई होगी?

पहले कांग्रेस, अब बीजेपी

दरअसल, 2018 में जब खुशबू कांग्रेस में थीं, तब उन्होंने ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि यहां मोदी, वहां मोदी, जहां देखो मोदी… लेकिन ये क्यों? हर मोदी के आगे भ्रष्टाचारी सरनेम लगा हुआ है। #मोदी मतलब भ्रष्टाचार…। आइये इसके अर्थ को बदलें। खुशबू सुंदर के पांच साल पुराने ट्वीट के स्क्रीनशॉट को कई कांग्रेस नेताओं ने शेयर कर पूछा कि क्या गुजरात के मंत्री पूर्णेश मोदी खुशबू सुंदर के खिलाफ मामला दर्ज करेंगे? बता दें कि खुशबू सुंदर भारतीय जनता पार्टी की नेती हैं और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य हैं। बीजेपी में शामिल होने से पहले वो कांग्रेस पार्टी में थीं।

23 को सजा, 24 को गई राहुल गांधी की सदस्यता

सूरत की एक अदालत ने गुरुवार (23 मार्च) को राहुल गांधी को उनकी मोदी उपनाम टिप्पणी के लिए दो साल की सजा का आदेश दिया और शुक्रवार (24 मार्च) को राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया। इसने राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में निर्णय की निंदा करते हुए सभी विपक्षी दलों के साथ एक बड़े राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। कांग्रेस ने लोकसभा से राहुल गांधी की अयोग्यता के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की घोषणा की, जबकि पार्टी सूरत अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देगी।

राहुल की सदस्यता जाने पर बोलीं खुशबू

राहुल गांधी के लोकसभा से निलंबन पर खुशबू सुंदर ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी। भाजपा नेता ने कहा, ”उन्होंने (राहुल गांधी) कुछ दिन पहले कहा था कि वह दुर्भाग्य से सांसद हैं। उनके शब्द सच हो गए हैं। कहानी से यही सीख मिलती है कि सकारात्मक सोचें। नकारात्मकता आपको कहीं नहीं ले जाती है। खुशबू ने ट्वीट किया, “मनमोहन सिंह जी 2013 में पारित सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अध्यादेश लाना चाहते थे। @RahulGandhi ने इसे टुकड़ों में फाड़ दिया। विडंबना यह है कि उनकी अयोग्यता उसी फैसले के तहत हुई है।”

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