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सिसोदिया ने कहा- दूसरी लहर में आक्सीजन की कमी से मौत हुई है या नहीं, बिना जाचं के पता लगाना मुश्किल

नयी दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Union Health Minister Mansukh Mandaviya) को पत्र लिखकर कहा है कि उचित जांच के बिना यह पता लगाना मुश्किल है कि क्या कोरोना महामारी की दूसरी लहर (second wave of corona pandemic) के दौरान आक्सीजन (oxygen) से संबंधित कोई मौत हुई है या नहीं। सिसोदिया ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दिल्ली सरकार ने मौतों की जांच और एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए एक समिति गठित की थी ताकि प्रभावित परिवारों में से प्रत्येक को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जा सके।

उन्होंने कहा, लेकिन दिल्ली के उप राज्यपाल के जरिए केंद्र ने इस समिति के गठन की अनुमति नहीं दी। हम दिल्ली के उप राज्यपाल (lieutenant governor) को मंजूरी के लिए फिर से फाइल भेज रहे हैं। हम पूरी जिम्मेदारी के साथ जांच करेंगे और दोषियों को सजा भी देंगे। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण के कारण दिल्ली में 25,000 से अधिक लोगों की मौत हुई। उन्होंने कहा कि यह जांच की जानी है कि इनमें से कितनी मौत अप्रैल और मई के दौरान आॅक्सीजन की कमी के कारण हुई।

उन्होंने कहा, हम यह नहीं कह सकते कि आक्सीजन संकट (oxygen crisis) नहीं था। उस समय मरीजों के परिवार, अस्पताल मदद के लिए SOS संदेश भेज रहे थे। दिल्ली सरकार ने कोविड-19 (Covid-19) महामारी की दूसरी लहर के दौरान आॅक्सीजन की कमी के कारण मौत की जांच करने के लिए जून में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की थी। सिसोदिया ने कहा था कि केंद्र ने समिति के लिए मंजूरी देने से इनकार कर दिया।

पिछले महीने विपक्षी दलों ने संसद को यह बताने के लिए सरकार पर निशाना साधा था कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से Covid-19 की दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी से मौत होने की कोई विशेष सूचना नहीं मिली है। बहरहाल, मंगलवार को एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि केवल एक राज्य ने अभी तक दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की कमी के कारण संदिग्ध मौत की जानकारी दी है। संसद में यह मुद्दा उठने के बाद केंद्र ने राज्यों से आक्सीजन की कमी से होने वाली मौत पर आंकड़े मांगे थे।

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