ज्योतिष

नए साल में कब-कब लगेंगे सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण, जानिए यहां

चंद्र ग्रहण’ और ‘सूर्य ग्रहण’ वैसे तो खगोलीय घटना है लेकिन ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की घटनाओं को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। ज्योतिष के हिसाब से ग्रहों का प्रभाव इंसान के जीवन पर पड़ता है। क्योकि ये दोनों ही ग्रह मनुष्य को बेहद प्रभावित करते हैं। साल 2022 में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की स्थिति कब-कब बन रही है। आपको बता दें कि साल 2022 में चार ग्रहण लगने वाले हैं , जिनमें दो ‘चंद्र ग्रहण’ और दो ‘सूर्य ग्रहण’ हैं। आइए जानते हैं….

सूर्य ग्रहण 2022 (Solar Eclipse 2022)
ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को सभी ग्रहों का राजा बताया गया है। सूर्य पिता और आत्मा के कारक माने में गए हैं। सूर्य पर जब ग्रहण की स्थिति बनती है तो इसे शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि जब सूरज पर ग्रहण लगता है तो ये पीड़ित हो जाते हैं और शुभ फलों में कमी आ जाती है. माना जाता है कि जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरता है यानि जब सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है और चंद्रमा की परछाई पृथ्वी पर पड़ती है तो सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है।

2022 में कितने ग्रहण है?
साल 2022 में कुल चार ग्रहण लगने का योग बना है। जिसमे से दो सूर्य ग्रहण और दो ही चंद्र ग्रहण लगने का संयोग बना हुआ है।

2022 में पहला सूर्य ग्रहण कब लगेगा
पंचांग के अनुसार 30 अप्रैल 2022 को पहला सूर्य ग्रहण लगेगा। ये साल का पहला ग्रहण होगा। साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ये ग्रहण आंशिक होगा और वृषभ राशि में लगेगा।

सूर्य कहां कहां दिखाई देगा
साल का पहला सूर्य ग्रहण दक्षिण और वेस्ट-साउथ अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका महासागर जैसे क्षेत्रों से दिखाई देगा।

भारत पर सूर्य ग्रहण का प्रभाव
2022 में पड़ने वाला पहला सूर्य ग्रहण आंशिक है। इसलिए इस सूर्य ग्रहण का भारत पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।

2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण
पंचांग के अनुसार साल 2022 को दूसरा सूर्य ग्रहण ग्रहण 25 अक्टूबर 2021 को लगेगा। यह भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। दूसरा सूर्य ग्रहण यूरोप, साउथ-वेस्ट एशिया, नॉर्थ-ईस्ट अफ्रीका और अटलांटिक महासागर से देखा जा सकेगा।

चंद्र ग्रहण 2022 (Chandra Grahan 2022)
वर्ष 2022 का पहला चंद्र ग्रहण पंचांग के अनुसार 16 मई को लगेगा. यह चंद्र ग्रहण साउथ-वेस्ट यूरोप, साउथ-वेस्ट एशिया, अफ्रीका, नॉर्थ अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों, साउथ अमेरिका, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर अंटार्कटिका और अटलांटिक महासागर से दिखाई देगा। साल 2022 का दूसरा दूसरा चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को लगेगा। इस ग्रहण को नॉर्थ-ईस्ट यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों, प्रशांत, अटलांटिक, आर्कटिक, अंटार्कटिका और हिंद महासागर जैसे क्षेत्रों से देखा जा सकेगा।

सूतक काल
वर्ष 2022 में पड़ने वाले ग्रहण के दौरान सूतक नियमों का पालन नहीं किया जाएगा। मान्यता के अनुसार सूतक नियमों का पालन तभी किया जाता है जब पूर्ण ग्रहण की स्थिति बनें। इस वर्ष सभी ग्रहण आंशिक माने जा रहे हैं, जिस कारण सूतक नियमों का पालन आवश्यक नहीं होगा।

चंद्र ग्रहण’ किसे कहते हैं ?
जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आती है तो उसे ‘चंद्र ग्रहण’ कहते हैं, इस दौरान एक सीधी रेखा बन जाती है, इस स्थिति में पृथ्वी सूर्य की रोशनी को चंद्रमा तक नहीं पहुंचने देती है । आपको बता दें कि चंद्र ग्रहण हमेशा ‘पूर्णिमा’ को लगता है। ‘सूर्य ग्रहण’ किसे कहते हैं ? जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य कुछ समय के लिए ढक जाता है, इसी घटना को ‘सूर्य ग्रहण’ कहा जाता है। ये हमेशा अमावस्या को होता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button