अटपटी

बादलों की सैर कराने वाला कब होता है रिटायर, कहां पर बनाई गई है स्टोरेज फेसेलिटी

अटपटी : नई दिल्ली – आज के समय में एयरोप्लेन(Airplane) से यात्रा करना कोई बहुत बड़ी बात नहीं रह गई है, लेकिन एक समय था जब एयरप्लेन में बैठकर यात्रा(Journey) करना लोगों का सपना (Dream) होता था। लेकिन अब यह सपना आसानी से पूरा हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते है उस एयरप्लेन के बारे में जो आपको हवाई यात्रा करता है, बादलों के ऊपर ले जाता है, कई सौ किलोमीटर की दूरी कम वक्त में पूरी करवा देता है। तो आज हम आपको एयरप्लेन से जुड़ी हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बात बताने जा रहे है, तो जरा ध्यान से पढ़िएगा कहीं कुछ रह न जाये।

कब होता है एक एयरप्लेन रिटायर

रिटायर तो हर कोई होता है, लेकिन रिटायर(Retirement) होने की उम्र किसी की कम तो किसी की ज्यादा होती है। लेकिन एयरप्लेन के रिटायर होने की उम्र कितनी होती है क्या आपको पता है,नहीं पता है न। तो हम आपको बताते है, कि एक एयरप्लेन की रियाटरमेंट एज या फिर औसत उम्र 25 साल से 30 साल के बीच होती है।

कैसे मापते है एयरोप्लेन की उम्र ?

एक हवाई जहाज या फिर एयरोप्लेन की उम्र आमतौर पर दबाव च्रकों के द्वारा मापी जाती है। हर बार जब भी प्लेन उड़ान भरता है, तो उस पर दबाव ड़ाला जाता है जिससे प्लेन की बॉडी और विंग्स पर दबाव पड़ता है। उस समय एयरोप्लेन निर्माता मेन्टेनेंस (Maintence) के दौरान प्लेन की हालात को देखते है, फिर तय करते है कि जहाज का क्या क्या सामान या फिर कम्पोनेंट्स खराब हो गये है।

रिटायरमेंट से जुड़ी असलीयत

इस वक्त जब हम एयरोप्लेन से जुड़ी जानकारी आपको दे रहे है, इस वक्त भी हजारों एयरप्लेन नीले आसमान (Blue Sky) एक देश से दूसरे देश, एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए उड़ान भर रहे है, इसलिए एयरोप्लेन के रिटायरमेंट उम्र के पूरा होने का इंतजार नहीं किया जाता है। एयरप्लेन की रिटायरमेंट एज वैसे 25 साल होती है लेकिन 18 साल की उम्र तक पहुंचते ही एयरोप्लेन को रिटायर कर दिया जाता है।

रिटायर होने के बाद क्या होता है प्लेन के साथ

ये सवाल हर किसी के जहन में आता है जब एयरोप्लेन रिटायर हो जाता है, तब उसका क्या किया जाता है तो हम आपको इस सवाल का जबाव देते है। दरअसल जब कोई प्लेन यात्रियों के साथ उड़ान भरने के लायक नहीं रहता है तो वो स्टोरेज एयरपोर्ट के लिए अपनी आखिरी उड़ान भरता है। ये स्टोरेज फेसेलिटी बहुत बड़ी और खुले आसमान के नीचे होती है। स्टोरेज फेसेलिटी दुनियाभर में कई स्थानों पर उपलब्ध कराई गई है, लेकिन इनमें से ज्यादातर दक्षिण पश्चिमी संयुक्त राज्य में स्थित है। यहां पर स्टोरेज फेसेलिटी बनाने के पीछे का सबसे बड़ा कारण यहां पर सपाट भूमि उपलब्ध होना है, और इन राज्यों की हवा बहुत सूखी होती है इसके कारण एयरप्लेन पर जंग लगने की प्रक्रिया बहुत धीमी होती है।

यहां क्या होता है प्लेन के साथ

जब एयरोप्लेन अपनी आखिरी उड़ान के बाद स्टोरेज फेसेलिटी में पहुंचता है तो सबसे पहले उसकी अच्छे धुलाई, साफ – सफाई की जाती है। इसके बाद प्लेन के ईंधन को पूरी तरह से सुखाया जाता है। फिर प्लेट पर लूब्रिकेंट्स लगाया जाता है ताकि प्लन पर जंग न लगे और टायरों को भी सुरक्षित रखा जाता है।

सुरक्षित रखने का भी है बड़ा कारण

आप सोच रहे होंगे कि जब प्लेन रिटायर ही हो चुका है तो उसे खत्म क्यों नहीं कर देते है। इसके पीछे भी एक बड़ा कारण है, दरअसल प्रत्येक एयरोप्लेन में इंजन, धड़ के पुर्जे और इलेक्ट्रानिक्स जैसे 3,50,000 से ज्यादा कम्पोनेंट्स होते है, जिसका इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर किसी प्लेन का कोई पार्ट्स खराब हो जाता है रिटायर हो चुके प्लेन का पार्ट्स निकालकर उसे बदला भी जाता है इसलिए रिटायर हो चुके प्लेन का नष्ट नहीं किया जाता है।

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