
उज्जैन। महाकाल लोक में आंधी से मूर्तियों के उखड़ने से उज्जैन सुर्खियों में है। इस बीच वहां साधू-संतों का जमावड़ा भी शुरू हो गया है। कुंभ जैसे हालात बन गए हैं। शहर में रविवार से ही साधू-संत पहुंचने लगे थे। इस समागम में जूना अखाडा के अखाड़ा परिषद अध्यक्ष, महामंत्री सहित तमाम महामंडलेश्वर और साधु संत शामिल होंगे। यहां पहुंचे संतों का सम्मान किया गया।
दरअसल यह जमावड़ा 30 मई की सुबह सिंहस्थ की तर्ज पर होने वाली भव्य पेशवाई के लिए है। सिंहस्थ महापर्व की तर्ज पर सेंकडो साधु संत पेशवाई निकालकर गंगा दशहरा के उपलक्ष्य पर प्राचीन नीलगंगा सरोवर पर स्नान करेगे। गंगा दशहरे पर जूना अखाड़े की ओर से भव्य पेशवाई निकाली जाएगी जिसमें देश भर के साधु संत शामिल होंगे। पेशवाई में रथ, हाथी घोड़ो पर सवार साधु संत नगर भ्रमण करते हुई प्राचीन नीलगंगा सरोवर पहुंचेंगे और यहां स्नान ध्यान पूजन करेंगे। गंगा दशहरा पर यह आयोजन जूना अखाड़े द्वारा किया जा रहा है जिसमें सभी अखाड़ों के संत महंत, महामंडलेश्वर शामिल होंगे, आयोजन के मुख्य अतिथि अखाड़ा परिषद अध्यक्ष रविन्द्र पूरी जी महाराज होंगे। वहीं सभी अखाड़ों के वरिष्ठ संतो और पदाधिकारी भी सम्मिलित होंगे, आयोजन में प्रदेश के बड़े नेतागण भी शामिल होंगे। अखाड़ा परिषद महामंत्री हरि गिरी महाराज ने बताया कि गंगा दशहरे पर देश भर में लोग स्नान गंगा नदी शिप्रा नदी और अन्य नदियों में करते हैं।