धन और यश पाने के लिए मोती करें धारण, मां लक्ष्मी होगी प्रसन्न
माँ लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है । मां लक्ष्मी अपने भक्तों की धन से जुड़ी हर तरह की समस्याएं दूर करती हैं। इतना ही नहीं, देवी साधकों को यश और कीर्ति भी देती हैं। धन और संपत्ति की देवी हैं मां लक्ष्मी को सभी खुश रखने के लिए कई उपाय करते है । वैसे तो माँ की पूजा और स्मरण मात्र से माँ खुश हो जाती है लेकिन एक उपाय और भी है जिस के धारण करने से ही धन की प्राप्ति होती है, साथ ही यश प्राप्त होता है । भारतीय ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह का संबंध किसी न किसी रत्न से माना जाता है। साथ ही कुछ रत्नों का संबंध हिंदू देवी- देवताओं से भी माना जाता है। और मोती माता लक्ष्मी का भी प्रिय रत्न है। वैज्ञानिक दृष्टि से मोती एक जैविक पदार्थ है लेकिन इसे नवरत्नों में शामिल किया जाता है। माना जाता है कि सफ़ेद मोती पहनने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है. आइये जानें मोती पहनने से क्या- क्या लाभ होते हैं……
मां लक्ष्मी का मोती रत्न से संबंध
पौराणिक कथा के अनुसार, माता लक्ष्मी का जन्म समुद्र मंथन (ocean churning) के दौरान समुद्र से हुआ था। वहीं मोती भी यही से प्राप्त है. इस लिए माता लक्ष्मी को मोती बहुत प्रिय है. मोती का उपयोग माता लक्ष्मीको चढ़ाने के लिए भी किया जाता है। दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान मौलिक मोती अर्पित की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी भक्तों पर बहुत खुश होती हैं और उनपर अपनी कृपा बरसाती हैं। मां लक्ष्मी जी की कृपा से भक्त को कभी धन-वैभव की कमी नहीं होती है। उनका घर परिवार सुख-शांति से भर जाता है। मान्यता है कि मोती की माला धारण करने या फिर छोटी अंगुली में मोती धारण करने से माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है।
मोती धारण करने के लाभ
मोती की मान्यता सफ़ेद रत्न के रूप में की गई है। इसे धारण करके मां लक्ष्मी और शुक्र को प्रसन्न किया जा सकता है।
मोती पहने से मन शांत रहता है। मानसिक तनाव में कमी आती है।
जिन लोगों को किसी तरह की मानसिक समस्या है तो उन्हें सफ़ेद या क्रीम कलर की मोती अंगुली में धारण करना चाहिए. माना जाता है कि इसे धारण करने से मानसिक समस्या सामाप्त होती है। व्यक्ति का अवसाद कम हो जाता है।
मोती धारण करने से मां लक्ष्मी की कृपा आप पर सदा बनी रहती है तथा आपके घर में कभी धनाभाव नहीं होता है।
मोती को चांदी की अंगूठी में पहनना चाहिए।