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युद्ध संकट : कोयले की आपूर्ति हो रही है लगातार प्रभावित, मंडराने लगा है खतरा बिजली संकट का

नई दिल्ली – भारत सहित विश्व के कई देशों के सामने अब बिजली संकट का खतरा तेजी से मंडराने लगा है। क्योंकि रूस यूक्रेन के मध्य जो युद्ध चल रहा है फिलहाल उसके थमने के कोई आसार नहीं है। ऐसे में इस युद्ध के कारण कोयले की आपूर्ति तेजी से प्रभावित हो रही है। ऐसे में भारत के कई राज्यो में बिजली की घंटों कटौती शुरू हो चुकी है जिससे औद्योगिक उत्पादन भी प्रभावित हो रहा है। महाराष्ट्र अपने पावर प्लांट के लिए कोयले की कमी बता रहा है।

बिजली कटौती होना हुई शुरु

भारत का प्रमुख राज्य जहां पर कई औद्योगिक इकाईयां लगातार काम करती है। उन राज्यों के सामने यह बिजली संकट तेजी से बढ़ रहा है। पीएम मोदी के गृहराज्य  गुजरात भी बिजली संकट से जूझ रहा है। उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में बिजली की घंटों कटौती हो रही है। बिजली की मांग में होने वाली बढ़ोतरी को देखते हुए पावर एक्सचेंज आईईएक्स में एक अप्रैल को बिजली की कीमत प्रति यूनिट 20 रुपए के स्तर तक पहुंच गई। वहीं इस बार मौसम विभाग से जो जानकारी मिली है वो भी परेशानी को बढ़ाने का काम कर रही है। क्योंकि इस साल समय से पहले उत्तर भारत में गर्मी अधिक पड़ने से भी बिजली की मांग में बढ़ोतरी हुई है। इस साल मार्च में बिजली की खपत पिछले साल मार्च के मुकाबले 4.6 प्रतिशत अधिक रही।

आयतित कोयले पर है हमारी निर्भरता 

जानकारी के मुताबिक 2.10 लाख मेगावाट के कोयला आधारित पावर प्लांट में से लगभग 40,000 मेगावाट के पावर प्लांट आयातित कोयले पर निर्भर करते हैं क्योंकि उनके प्लांट की संरचना ऐसी है कि वे घरेलू कोयले से नहीं संचालित हो सकते हैं। बाकी के पावर पलांट भी कोयले की कमी को दूर करने के लिए 10 फीसद तक आयातित कोयले का इस्तेमाल करते है

 

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