फर्जी एसडीएम के पीड़ितों का क्राईम ब्रांच पर ताँता, पाँच बैंक खाते सीज किए
दो दिन पहले होशंगाबाद से गिरफ्तार किया गया था

इंदौर। खुद को एसडीएम बताकर लोगों को ठगने के आरोपी फर्जी अफसर का रिमांड जारी है। इस बीच उससे पीड़ित करीब आधा दर्जन लोग और इंदौर क्राइम ब्रांच के पास पहुँचे हैं। उसके पाँच बैंक खाते की जानकारी भी लगी है जिन्हें सीज कर दिया गया है। इसके अलावा हूटर लगी स्कार्पियो गाड़ी भी होशंगाबाद से जब्त की गई है।
गौरतलब है कि दो दिन पहले इंदौर क्राइम ब्रांच ने मुकेश सिंह राजपूत नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था जो खुद को एसडीएम बताकर सरकारी नौकरी और जमीन दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करता था। पाँच लाख की ठगी के शिकार इंदौर निवासी हिमांशु जैन की शिकायत पर क्राइम ब्रांच ने उसे होशंगाबाद से गिरफ्तार था।
शिकायतकर्ता ने बताया कि मुकेश सिंह राजपूत, निवासी रतवाड़ा, होशंगाबाद ने खुद को एसडीएम बताया और कहा कि मैं सरकारी नौकरी दिला दूंगा। उसने हिमांशु की मौसी को क्लर्क और उनके बेटे को नायब तहसीलदार बनाने का झूठा आश्वासन दिया। शिकायतकर्ता हिमांशु जैन से भी इंदौर के स्कीम 54 में प्लॉट दिलाने के नाम पर करीब 5 लाख रुपए की ठगी की थी। हिमांशु ने पुलिस को बताया कि आरोपी मुकेश ने नकली नियुक्ति पत्र और नकली ट्रेनिंग प्रोग्राम के लेटर दिखाकर पैसे ठग लिए। हिमांशु इंदौर के बंगाली चौराहे पर स्टूडियो चलाते हैं ।
मारपीट के कारण सस्पेंड हूँ
साल 2020 जुलाई में आरोपी मुकेश सिंह राजपूत हिमांशु के बंगाली चौराहा स्थित स्टूडियो पर पहुँचा था और कहा कि मैं एसडीएम हूं और मारपीट के कारण सस्पेंड चल रहा हूं । अभी मानव अधिकार संस्था में पदस्थ हूं। अगर किसी को नौकरी की जरूरत हो तो बताना । फरियादी फर्जी एसडीएम के झांसे में आ गए और नौकरी लगाने के लिए उसे ढाई लाख रुपये दे दिए। इसी के साथ फर्जी एसडीएम ने जमीन दिलाने के नाम पर भी फरियादी से लाखों रुपये ठग लिए।
पहले भी कर चुका है ठगी
जब लंबे समय तक कोई काम नहीं हुआ तो फरयादी हिमांशु को शंका हुई कि न नौकरी मिली, न जमीन। उसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत की । क्राइम ब्रांच ने फर्जी एसडीएम को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पता चला कुछ समय पहले भी उसने सीहोर में फर्जी एसडीएम बनकर लोगों को ठगा है। सीहोर पुलिस ने भी उसके खिलाफ कार्रवाई की थी।