छोटे-से देश के खिलाफ ये गुहार लगाई सुपर पॉवर ने

संयुक्त राष्ट्र । विश्व की महाशक्ति ने एक छोटे-से देश की बहुत बड़ी आबादी की समस्या से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच पर गुहार लगाई है। अमेरिका के एक वरिष्ठ राजदूत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से बृहस्पतिवार को आग्रह किया कि वह म्यांमा (Myanmar) की सेना को हिंसा को रोकने और देश में लोकतंत्र बहाल करने का दबाव बनाए।
राजदूत ने कहा कि म्यांमा में कोविड-19 (Covid-19) के मामले और भूख के मामले बढ़ रहे हैं और इसमें जितनी देर होगी, भूख और संक्रमण के कारण लोगों की मौत की संख्या भी बढ़ेगी।
अमेरिका के उप राजदूत जेफरी डेलॉरेन्टीस (Deputy US Ambassador Jeffrey DeLaurentis) ने कहा,‘‘ म्यांमा में छह माह पूर्व हुए सैन्य तख्तापलट (military crackdown) के बाद से सैन्य बर्बरता और प्रशासनिक नाकामियों के चलते देश कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों और स्वास्थ्य आपदा से जूझ रहा है।’’
उन्होंने कहा कि हिंसा और सैन्य कार्रवाई के कारण हजारों की संख्या में लोग विस्थापित हुए हैं और 28 लाख लोग खाद्य पदार्थों की कमी का सामना करने की कगार पर हैं।
डेलॉरेन्टीज ने कहा कि उन्होंने यह अपील ऐसे वक्त में की है जब म्यांमा में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष जांचकर्ता टॉम एन्ड्रूज (Tom Andrews, the UN special investigator on human rights in Myanmar) ने दो दिन पहले सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से देश में बढ़ते संक्रमण के मामलों और मौतों को देखते हुए आपात ‘‘कोविड संघर्षविराम’’ की मांग की थी।
एन्ड्रूज ने चेतावनी दी है,‘‘ म्यांमा में बहुत से लोग बेवजह मारे गए हैं तथा संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की कार्रवाई के बिना और बहुत से लोग दम तोड़ देंगे।’’