भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार उज्जैन दौरे दौरान के कई कार्यक्रमों में शिरकत की। इसी क्रम में उन्होंने सिंधी कॉलोनी अलखधाम नगर में संत कंवरराम जी की प्रतिमा का किया अनावरण किया। उन्होनें समर्थ सेवा संस्थान के द्वारा आयोजित दिव्यांग जनों को नि:शुल्क हवाई यात्रा करवाने पर बने गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड के प्रमाण पत्र का वितरण भी किया। इस अवसर पर सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेडा, महापौर मुकेश टटवाल भी मौजूद थे।
संत कंवरराम जी की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम डॉ. यादव ने कहा कि संतो का जीवन और आदर्श हमेशा अनुकरणीय होते हैं, जैसे सूर्य स्वयं जलकर हम सबको प्रकाश देता है ,वैसे ही संत भी स्वयं तप कर हम सबके जीवन को ज्ञान और आनंद से प्रकाशित करते हैं । संत कंवरराम जी भी ऐसे ही एक महान संत थे ।
सीएम डॉ. यादव ने कहा कि आज का दिन अत्यंत शुभ दिन है। आज वैशाख माह की पूर्णिमा है। आज बुध्द पूर्णिमा है। संत कंवरराम जी ने लोगों को सच्चाई और नैतिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। वे सबको साथ में लेकर चलने में विश्वास रखते थे । इस उद्यान में संत कंवरराम जी की प्रतिमा स्थापना से सबको उनका आर्शिवाद मिलता रहेगा। उन्होंने नगरपालिका निगम के अधिकारियों से कहा कि उद्यान का नियमित रुप से रख-रखाव किया जाए। उन्होंने अलखधाम नगर के उद्यान को आदर्श उद्यान बनाए जाने के लिए शासन की ओर से सहयोग राशी प्रदान करने की घोषणा भी की।
गोल्डन बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड में दिव्यांग जनों को नि:शुल्क धार्मिक यात्रा के प्रमाण पत्र वितरण के पश्चात मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि दिव्यांग जनों की सेवा ईश्वर की सेवा के समान है। समर्थ सेवा संस्थान के द्वारा यह एक अत्यंत प्रशंसनीय कार्य किया गया है जो की सबके लिए अनुकरणीय भी है। उल्लेखनीय है की समर्थ सेवा संस्थान के द्वारा अब तक 47 दिव्यांग जनों को धार्मिक हवाई यात्रा नि:शुल्क करवाई गई है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने अपनी ओर से संस्था के पदाधिकारीयों को शुभकामनाऐं दी।
कार्यक्रम में श्री श्याम माहेश्वरी ने संस्थान के बारे में जानकारी प्रदान की। दौलत खेमचंदानी के द्वारा संत कंवरराम जी का जीवन परिचय दिया गया। उन्होनें बताया कि संत कंवर राम जी एक प्रसिद्ध भारतीय संत और कवि थे, जिन्होंने भक्ति साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी कविताओं में जीवन के मूल्यों, प्रेम, और अध्यात्म की गहराई को व्यक्त किया गया है। संत कंवर राम जी का जन्म राजस्थान में हुआ था। उनकी कविताओं में सादगी, प्रेम, और अध्यात्म की भावना देखने को मिलती है। उन्होंने समाज में व्याप्त कुरीतियों और अंधविश्वासों के खिलाफ आवाज उठाई।