सावन का मंगलवार भी है बहुत महत्वपूर्ण,अखंड सौभाग्यवती होने का मिलता है आशीर्वाद

हिंदू धर्म मान्यताओं के अनुसार, श्रावण माह शिव एवं माता पार्वती को समर्पित माना जाता है। भगवान शंकर को जिस तरह से सावन मास प्रिय है। ठीक उसी तरह से मां पार्वती को भी सावन का महीना अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि सावन महीने में सोमवार के दिन भगवान शंकर की पूजा करने से मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। वहीं सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रकने से मां पार्वती की कृपा से अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।मंगला गौरी व्रत मुख्य रूप से विवाहित स्त्रियों और उनमे से भी नवविवाहित स्त्रियाँ द्वारा सुखी वैवाहिक जीवन के लिये माता गौरी के आशीर्वाद प्राप्ति हेतु रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन सुहागिन महिलायें मंगला गौरी का व्रत रखकर अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त करती है. सावन के मंगलवार को सुहागिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर शाम को मंगला गौरी की विधि-विधान से पूजा अर्चना करती हैं। और व्रत कथा का श्रवण करती हैं या पढ़ती है। इससे मंगला गौरी प्रसन्न होकर अखंड सौभाग्यवती होने और पुत्र प्राप्ति का वरदान देती हैं। .दूसरा मंगला गौरी व्रत 3 अगस्त, तीसरा मंगला गौरी व्रत 10 अगस्त और चौथा या अंतिम मंगला गौरी व्रत 17 जुलाई को रखा जाएगा। आइए जानते हैं मंगला गौरी व्रत का महत्व, कथा व पूजा विधि
मंगली गौरी पूजा विधि-
इस दिन व्रती को सूर्योदय से पहले जागना चाहिए। सुबह जल्दी उठकर दैनिक कार्य से निवृत होकर स्नान करें। उसके बाद साफ सुथरे और धुले हुए या नए कपड़ा पहनना चाहिए। व्रत संकल्प लेने वाली सुहागिनों को इस दिन एक ही समय अन्य ग्रहण करके पूरे दिन माता पार्वती की पूजा अराधना की जाती है। एक लकड़ी के तख्त पर लाल कपड़ा बिछाकर उसपर मंगला गौरी की प्रतिमा को प्रतिष्ठान करना चाहिए। अब विधि-विधान से माता पार्वती की पूजा करें। पूजा में माता पार्वती को 16 श्रृंगार का सामान अवश्य अर्पित करें।
मंगला गौरी व्रत का महत्व
मां पार्वती को समर्पित मंगला गौरी व्रत भक्तों के लिए अत्यंत लाभदायक माना गया है। जो सुहागिन महिलाएं मंगला गौरी व्रत रखती हैं तथा विधि अनुसार मां पार्वती की पूजा करती हैं उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिलता है। जो दंपत्ती संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं उन्हें यह व्रत अवश्य करना चाहिए। मंगला गौरी व्रत रखने वाले भक्तों के जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है।