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चीन से समझौता करने के मूड में ट्रंप, ईटली की पीएम के साथ बैठक में दिए संकेत: ड्रैगन बोला- टैरिफ की धमकी होना चाहिए बंद

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नई दिल्ली । अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वार जारी है। चाइना के 145 के जवाब में यूएस ने चीन पर 245 प्रतिशत तक टैरिफ लगा दिया है। इन सबके बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को लेकर बड़ा बयान दिया है। दअरसल व्हाइट हाउस में इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि मुझे लगता है कि हम चीन के साथ बहुत अच्छा समझौता करने जा रहे हैं। वहीं चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा है कि वह अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार है। टैरिफ युद्ध की शुरूआत अमेरिका ने की थी और चीन ने अपने वैध अधिकारों और हितों तथा अंतरराष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि टैरिफ की धमकी बंद करनी होगी और समानता के आधार पर बातचीत करनी होगी।

बता दें कि इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात की है। इसी मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि ट्रंप चीन के साथ हम अच्छी डील कर सकते हैं। इस दौरान ट्रंप ने यह भी कहा कि वह हर देश से मिलना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि वह मेक्सिको से लेकर जापान और अब इटली तक हर देश से मिलने के लिए उत्सुक हैं। यूरोपीय संघ के साथ टैरिफ डील को लेकर ट्रंप बोले कि व्यापार समझौता जरूर होगा, 100 प्रतिशत।

व्यापार समझौतों को अंतिम रूप देने में कोई जल्दबाजी नहीं
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें व्यापार समझौतों को अंतिम रूप देने की कोई जल्दी नहीं है। उन्होंने इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ बैठक की। इटली के प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी के साथ बैठक में ट्रंप ने विश्वास जताया कि यूरोपीय संघ के साथ समझौता करना आसान होगा। वहीं मेलोनी ने कहा कि वह पश्चिम को फिर से महान बनाना चाहती हैं। यकीन है कि वे किसी समझौते पर पहुंच सकते हैं। ट्रंप ने भविष्य में रोम आने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है और वे वहां यूरोपीय नेताओं से भी मिल सकते हैं। भले ही अटलांटिक के दोनों तटों के बीच कुछ समस्याएं हों, लेकिन अब समय आ गया है कि हम बैठकर समाधान ढूंढने का प्रयास करें।

टैरिफ और व्यापार युद्धों में कोई विजेता नहीं होता: चीन
ट्रंप के बयान पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि उन्हें अमेरिकी पक्ष से विशिष्ट कर दर के आंकड़े के बारे में पूछना चाहिए। लिन ने कहा कि चीन ने टैरिफ मुद्दे पर अपनी गंभीर स्थिति बार-बार जाहिर की है। उन्होंने कहा कि टैरिफ युद्ध की शुरूआत अमेरिका ने की थी और चीन ने अपने वैध अधिकारों और हितों तथा अंतरराष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाए हैं। उन्होंने इसे पूरी तरह से उचित और कानूनी बताया। उन्होंने कहा कि टैरिफ और व्यापार युद्धों में कोई विजेता नहीं होता। चीन इन युद्धों में भाग नहीं लेना चाहता, लेकिन इनसे डरता भी नहीं है। उन्होंने हाथ मिलाने और बाधाओं को दूर करने के लिए चीन की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

चीन पर 245 फीसदी टैरिफ
व्हाइट हाउस के तथ्य पत्र के अनुसार, चीनी आयातों पर अब 245 प्रतिशत तक टैरिफ लगेगा, जिसमें हाल ही में लगाया गया 125 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ, फेंटेनाइल संकट से जुड़ा 20 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क और अमेरिका द्वारा अनुचित व्यापार प्रथाओं का मुकाबला करने के लिए 7.5 से 100 प्रतिशत तक के अन्य उपाय शामिल हैं।

75 देश टैरिफ पर कर रहे चर्चा
व्हाइट हाउस के अनुसार, 75 देशों ने टैरिफ को कम करने के लिए चर्चा शुरू कर दी है, चीन ने अभी तक फिर से बातचीत शुरू नहीं की है। ट्रंप ने टैरिफ को अमेरिकी उद्योग और राष्ट्रीय सुरक्षा की सेफ्टी के लिए खास बताया और भारत समेत अन्य व्यापारिक डीलर्स पर भी इसी तरह के उपाय लागू करने की अपनी मंशा दोहराई। जैसे-जैसे अन्य जगहों पर बातचीत आगे बढ़ रही है, चीन के साथ गतिरोध दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच लंबे समय तक गतिरोध का संकेत देता है।

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