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संसद का मानसून सत्र: विपक्ष के हंगामे के बीच अधिकरण सुधार विधेयक को रास में मिली मंजूरी

नयी दिल्ली। संसद (Parliament) के मानसून सत्र के आखिरी सप्ताह में भी विपक्षी सदस्यों (opposition members) का हंगामा जारी रहा। वहीं विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सरकार (Government) ने अधिकरण सुधार विधेयक, 2021 (Tribunal Reform Bill, 2021) को मंजूरी दे दी। इसमें चलचित्र कानून, सीमा शुल्क कानून, व्यापार चिन्ह कानून सहित कई कानूनों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है। राज्यसभा (Rajya Sabha) ने संक्षिप्त चर्चा के बाद विधेयक को मंजूरी प्रदान कर दी। इससे पहले सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने के विपक्ष के प्रस्ताव को मतविभाजन के बाद खारिज कर दिया। सदन ने 44 के मुकाबले 79 मतों से विपक्ष के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।

लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है। यह विधेयक कानून बनने के बाद संबंधित अध्यादेश का स्थान लेगा जो चार अप्रैल 2021 को जारी किया गया था। सदन ने अध्यादेश (ordinance) को नामंजूर करने के प्रस्ताव को भी ध्वनिमत से खारिज कर दिया। पेगासस जासूसी, कृषि कानून, महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन में विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा हुयी। हालांकि मत विभाजन के समय सदन में शांति थी और सभी सदस्य अपने स्थानों पर थे।

इस विधेयक में चलचित्र अधिनियम 1952, सीमा शुल्क अधिनियम 1962, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण अधिनियम 1994, व्यापार चिन्ह अधिनियम 1999, पौधा किस्म एवं कृषक अधिकार संरक्षण अधिनियम 2001 सहित कुछ अन्य अधिनियमों में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है। चर्चा में भाग लेते हुए ज्यादातर सदस्यों ने विधेयक का समर्थन किया। सदस्यों ने अधिकरणों में खाली पदों को जल्दी भरने, न्यायपालिका (Judiciary) के लिए बजटीय आवंटन में वृद्धि करने और अदालतों को बुनियादी ढांचे मुहैया कराने की जरूरत पर बल दिया।

चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस (Main opposition party Congress) पर तीखा हमला बोला और कहा कि देश में आपातकाल (emergency) लागू करने वाली पार्टी न्यायिक स्वतंत्रता की बात कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार न सिर्फ न्यायिक स्वतंत्रता का सम्मान करती है बल्कि उसके लिए प्रतिबद्ध भी है। इससे पहले कांग्रेस सदस्यों ने न्यायिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाया था।

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