इंदौर के लिए खास आज का दिन: PM करेंगे सिरपुर और यशवंत सागर का वर्चुअली मुआयना, रामसर साइट्स में हैं शामिल
सिरपुर तालाब में करीब एक करोड़ रुपए की लागत से फव्वारे लगाए गए हैं तथा यहां कई प्रकार की वनस्पति हैं। यह तालाब करीब 600 एकड़ में फैला है और यहां सालभर में करीब दो सौ प्रजातियों के प्रवासी पक्षी आते हैं। नवंबर से फरवरी तक यहां हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी पाए जाते हैं।
इंदौर। आज पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। इस खास मौके पर देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शुमार इंदौर में व्यापक स्तर पर तैयारियां की गई हैं। इंदौर के लिए एक विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक खास बात यह है कि सोमवार को 600 एकड़ में फैले सिरपुर तालाब और यशवंत सागर डैम का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअली मुआयना करेंगे। इससे पहले सांसद शंकर लालवानी ने रविवार को सिरपुर तालाब और यशवंत सागर डैम पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए।
मोदी सुबह 10 से 11 बजे के बीच इन दोनों जगह को देखने के लिए जुड़ेंगे। दरअसल 13 अगस्त, 2022 को केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पांच राज्यों के 11 जल स्थलों को रामसर साइट का दर्जा दिया गया। इसमें मध्य प्रदेश के इंदौर का यशवंत सागर व सिरपुर तालाब भी शामिल हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश की विभिन्न अमृत धरोहर साइट को वर्चुअली देखने वाले हैं। सांसद शंकर लालवानी ने कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। सांसद ने बताया कि इंदौर की यशवंत सागर तथा सिरपुर तालाब से प्रधानमंत्री वर्चुअली जुडेंगे। यह इंदौर के लिए गौरव की बात है। हमने इंदौर में बेहतर व्यवस्थाएं बना कर रखी हैं और पानी के स्त्रोतों को सहेजने में भी हम आगे हैं।
सिरपुर में एक करोड़ की लागत से फव्वारे लगाए गए
सिरपुर तालाब में करीब एक करोड़ रुपए की लागत से फव्वारे लगाए गए हैं तथा यहां कई प्रकार की वनस्पति हैं। यह तालाब करीब 600 एकड़ में फैला है और यहां सालभर में करीब दो सौ प्रजातियों के प्रवासी पक्षी आते हैं। नवंबर से फरवरी तक यहां हजारों की संख्या में प्रवासी पक्षी पाए जाते हैं। ये प्रवासी पक्षी नार्थ एशिया, साइबेरिया, मंगोलिया, हिमालय, नेपाल, अरब सागर और इजिप्ट से आते हैं। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से भी आते हैं।
1990 में बनाया गया था यशवंत सागर
यशवंत सागर को महाराजा तुकोजीराव तृतीय ने इंदौर के पश्चिमी हिस्से में जलापूर्ति के लिए वर्ष 1900 में बनवाया था। यह तालाब दो हजार एकड़ में फैला है। इसे उन्होंने अपने बेटे यशवंतराव द्वितीय के नाम पर इसका नामकरण किया था। इसकी कुल क्षमता 19 फीट है। इस तालाब से रोज 30 एमएलडी पानी सप्लाय किया जाता है। वर्ष 1992 में इसे प्रमुख पक्षी क्षेत्र बनाया गया था और 2013 में यहां बांध बनवाया गया।