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ममता की सफाई: कहा- यह बैठक पीएम-सीएम की नहीं थी, मुझे खुद एक घंटे कराया इंतजार

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने शुक्रवार को बंगाल यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तूफान की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में 30 मिनट तक इंतजार कराने के आरोपों पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि यह बैठक PM और CM की नहीं थी। मैं तो पीएम से सौजन्य भेंट (Courtesy Visit) करने गई थी। ममता ने सवाल किया कि इस बैठक में विपक्ष के नेता सुभेंदु अधिकारी (Subhendu Adhikari) का क्या काम था? मुझे किसी केंद्रीय मंत्री (central minister) के इस बैठक में होने पर कोई आपत्ति नहीं। एसपीजी ने मुझे एक घंटे रूकने को कहा था।

ममता बनर्जी ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं है कि हर बार CM, PM को रिसीव करे। कभी-कभी कुछ राजनीतिक तमाशे (Political spectacle) भी होते हैं। ममता ने साफ कहा कि उन्हें खुद वहां (पीएम की मीटिंग में) इंतजार करना पड़ा। CM ममता ने दावा किया कि जब हम सागर पहुंचे तो हमें सूचना मिली कि हमें 20 मिनट इंतजार करना होगा क्योंकि PM मोदी का हेलीकॉप्टर उतरना बाकी था। सीएम ममता ने आगे कहा कि हालांकि वे हमारे शेड्यूल से वाकिफ थे, फिर भी हमें इंतजार करवाया। हमने हेलीपैड (Helipad) पर उनका इंतजार किया। इससे पहले हमारा विमान लैंड नहीं हुआ, हमें 15 मिनट हवा में रुकना पड़ा। लेकिन इसपर हमें कोई आपत्ति नहीं है, क्योंकि यह PM की सुरक्षा का मामला था।





ममता बनर्जी ने कहा कि लेकिन जब हम कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे तो पीएम वहां पहले से ही मौजूद थे। हमें पीएम को सम्मान देना था, इसलिए मैं अपने मुख्य सचिव के साथ वहां गई थी। मैंने अपने मुख्य सचिव को मेरे साथ चलने के लिए कहा क्योंकि वह हमारे प्रशासन के प्रमुख हैं। लेकिन जब हम उस स्थान (मीटिंग स्थल) पर पहुंचे तो हमें इंतजार करने के लिए कहा गया। मेरे सुरक्षा अधिकारी ने SPG (पीएम के सुरक्षाकर्मी) से हमें एक मिनट के लिए पीएम को देखने की अनुमति देने के लिए कहा, लेकिन SPG ने कहा कि हमें एक घंटे इंतजार करना होगा।

CM ममता ने आगे कहा कि उन्होंने कुछ खाली कुर्सी दिखाईं, यह मीटिंग के पहले का दृश्य हो सकता है या फिर उसके बाद का हो सकता है। उस समय वहां बैठने का कोई मतलब नहीं था। शुभेंदु अधिकारी को मीटिंग में बुलाए जाने से नाराजगी के आरोपों पर ममता ने कहा कि मुझे कोई आपत्ति नहीं है। फिर चाहे विधायक आए या विपक्ष के नेता…? बैठक CM और PM के बीच नहीं थी। हालांकि, पहले पीएम और सीएम का फैसला हुआ लेकिन बाद में मीटिंग में सरकार और केंद्रीय मंत्रियों को संशोधित सूची दी गई।





फिर मैंने सोचा कि कुछ भी हो, चूंकि पीएम हमारे राज्य में आए हैं, आइए हम उनसे शिष्टाचार से मिलें, इसलिए हम उनकी अनुमति से कमरे में गए। उन्हें कागज सौंपे और चली गए, क्योंकि मेरा शेड्यूल फिक्स (schedule fix) था। उनकी अनुमति से हम गए, इसमें हमारा क्या दोष है? ममता ने कहा कि गुजरात में हुई मीटिंग में पिछले हफ्ते आपने विपक्ष के नेता को क्यों नहीं बुलाया? जब भी आप मेरे राज्य में आते हैं तो कुछ भ्रम पैदा करते हैं। ओडिशा में भी विपक्ष के नेता को नहीं बुलाया गया।

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