धर्म

इस दिन है मासिक दुर्गा अष्टमी,जानिए मां दुर्गा को प्रसन्न करने की पूजा विधि

हिंदू धर्म में नवरात्रि में पड़ने वाली अष्टमी तिथि को महाअष्टमी कहा जाता है, हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है। मासिक दुर्गाष्टमी का विशेष महत्व होता है। इस बार ज्येष्ठ मास की मासिक महाष्टमी की तिथि 18 जून 2021 को है। महाष्टमी के अलावा मासिक दुर्गाष्टमी का दिन मां आदिशक्ति को प्रसन्न करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन भक्त मां आदिशक्ति की आराधना करते हैं और व्रत रखते हैं। इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत विधि विधान के साथ करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि सच्चे मन से अराधना करने वालों पर मां दुर्गा अपनी कृपा बरसाती हैं। तो आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

मासिक दुर्गाष्टमी शुभ मुहूर्त (Monthly Durgashtami auspicious time)
ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि आरंभ- 17 जून 2021 बृहस्पतिवार रात 09 बजकर 52 मिनट से
ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि समाप्त – 18 जून 2021 दिन शुक्रवार रात 08 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।

मासिक दुर्गाष्टमी पूजा विधि (Monthly Durgashtami Puja Method)
अष्टमी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें।
पूजा स्थल की अच्छे से साफ-सफाई के बाद गंगाजल से शुद्ध करें। उसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करें।
इसके बाद मां दुर्गा लाल चुनरी चढ़ाते हैं और उनके समक्ष धूप- दीप जलाएं।
मां दुर्गा पर अक्षत, लाल पुष्प, फल और मिष्ठान अर्पित करें। इसके बाद मां दुर्गा की चालीसा करें और आरती उतारें।
मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
पाठ पूर्ण हो जाने के बाद मां दुर्गा की आरती करें और हाथ जोड़कर देवी से क्षमा प्रार्थना करें।

दुर्गा अष्टमी व्रत का महत्व (Importance of Durga Ashtami Vrat)
मासिक दुर्गाष्टमी पर व्रत और पूजन करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। जो भक्त भक्तिभाव से प्रत्येक मासिक दुर्गाअष्टमी को व्रत करते हैं, मां आदिशक्ति जगदंबे उनके सारे कष्टों को दूर करती हैं। दुर्गाष्टमी पर व्रत करने से मां दुर्गा अपने भक्तों की संकटों से रक्षा करती हैं और जीवन में धन, समृद्धि और खुशहाली आती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार अष्टमी तिथि को ही मां आदिशक्ति ने महिषासुर का संहार किया था। माना जाता है कि यह युद्ध नौ दिनों तक चला था इसलिए नवरात्रि में पड़ने वाली अष्टमी तिथि को महाष्टमी के रूप में मनाया जाता है और प्रत्येक माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत किया जाता है।

दुर्गा अष्टमी कथा (Durga Ashtami Story)
शास्त्रों के अनुसार, सदियों पहले पृथ्वी पर असुर बहुत शक्तिशाली हो गए थे और वे स्वर्ग पर चढ़ाई करने लगे। उन्होंने कई देवताओं को मार डाला और स्वर्ग में तबाही मचा दी। इन सबमें सबसे शक्तिशाली असुर महिषासुर था। भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा ने शक्ति स्वरूप देवी दुर्गा को बनाया। हर देवता ने देवी दुर्गा को विशेष हथियार प्रदान किया। इसके बाद आदिशक्ति दुर्गा ने पृथ्वी पर आकर असुरों का वध किया। मां दुर्गा ने महिषासुर की सेना के साथ युद्ध किया और अंत में उसे मार दिया। उस दिन से दुर्गा अष्टमी का पर्व प्रारम्भ हुआ।

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