सियासी तर्जुमा

इन दिनों इंदौर…मिलने से पहले कट तो नहीं गया टिकट

साप्ताहिक कॉलम 'गप-सच'

ललित उपमन्यु
वरिष्ठ पत्रकार

दिग्विजय सिंह दो दिन इंदौर में रहे। बिना टिकट बांटे कई को टिकट बांट गए और कई के काट गए। वैसे वे बार-बार यही कहते रहे कि टिकट बाँटने नहीं आया हूं, पर कांग्रेसी कब मानने वाले थे, बार-बार जिंदाबाद-जिंदाबाद बोलकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाते रहे। ऐसे ही तीन नंबर की एक टीम पहुँच गई रेसीडेंसी दिग्विजय के पास। मसला यह था कि पुराने और तेजतर्रार विधायक अश्विन जोशी को एक बार और टिकट दे दो..। दिग्विजय सिंह बोले टिकट बाँटने नहीं आया हूं। फिर यह भी बोल दिए कि पिछली बार जब तीन नंबर का टिकट तय हो रहा था तो हमने कह दिया था कि अश्विन जीते या हारें, अगला टिकट पिंटू को दिया जाएगा। मतलब…अश्विन का टिकट काट गए राजा और पिंटू के दे गए। ना जी ना…ये कांग्रेस है और वो दिग्विजय हैं। किसका कह कर किसे क्या सुना दें आखिर तक पता नहीं चलता, इसलिए न तो कटने वाले कटे-कटे से रहें न जिन्हें टिकट मिलने का कहा है वो अभी मिलना-जुलना शुरू करें। रुको जरा।

तीस साल बनाम तीन महीने

बीजेपी विवादों का एक पिटारा बंद करती नहीं है और दूसरा खुल जाता है। कुछ हफ्तों पहले चार नंबर विधानसभा में मालिनी गौड़ के परिवार को चुनौती देने और मामले को पुलिस-पब्लिक तक खेंच ले जाने वाले मंडल अध्यक्ष सचिन जैसवानी का पिटारा फिर खुल गया। हुआ यूँ कि सीएम शिवराज सिंह चौहान एअरपोर्ट पर मंडल अध्यक्षों से मुलाकात करने वाले थे। सारे पहुँच गए तो साथ में जैसवानी भी जा धमके। उन्हें देखते ही गौड़ एंड कंपनी के नथूने फूल गए। दरअसल जैसवानी और गौड़ के बीच तलवारे तनी हुई हैं। गौड़ परिवार उन्हें मंडल अध्यक्ष पद से हटाने के लिए लिखित.. मौखिक..गुस्से में…प्यार से…सभी तरह की कोशिश कर चुका है लेकिन पार्टी के दस्तावेजों से जैसवानी का नाम मिट नहीं रहा। जैसवानी को कौन टेका लगा रहा है पता नहीं लेकिन वो टिके हुए हैं यह पता है। अब तो कहने वाले भी कहने लगे हैं कि तीस साल से विधानसभा पर जिस परिवार का कब्जा है वो एक मंडल अध्यक्ष को इधर-उधर नहीं कर पा रहा है। तीन महीने हो गए। दया कुछ तो गड़बड़ है।

विजयवर्गीय हो गए सेफ्टी वाल्व

कैलाश विजयवर्गीय के चाहने और न चाहने वालों की फेहरिस्त लंबी है। न चाहने वालों पर हमेशा चाहने वाले भारी पड़ते हैं क्योंकि विजयवर्गीय हैं ही ऐसे नेता कि अव्वल तो उनका फार्म जाता नहीं है, गलती से कभी कमजोर दिखने लगें तो ऐसा उलट दाँव चलते हैं कि विरोधी फिर चारों खाने चित्त हो जाते हैं। जिन्हें यह लग रहा था कि इस चुनाव में उन्हें चुप रखा जाएगा उनके लिए यह खबर पीड़ादायी हो सकती है कि विजयवर्गीय मालवा-निमाड़ में पार्टी को और मजबूत करने के लिए मजबूती से आगे किए जा रहे हैं। कर भी दिए गए हैं। अब तो नहीं बताना पड़ेगा ना कि मालवा-निमाड़ में उनके जितने चाहने वाले हैं उतने तो किसी मालवा-निमाड़ के स्थानीय नेता के भी नहीं हैं। भजन से भोजन और भाषण और भाई-बंधु जैसे इतने रिश्ते उन्होंने बना रखे हैं कि वे इस क्षेत्र की किसी सीट से चुनाव लड़ लें तो आसपास की कई सीटों का मौसम बना दें। खैर, अभी तो मालवा-निमाड़ में उनकी कदमताल और उससे उठने वाले भाजपाई गुबार का इंतजार करते हैं।

मधु भैया के लिए मैदान साफ हुआ क्या

भाजपा के पुश्तैनी नेता महादेव उर्फ मधु वर्मा वो नेता हैं जिन्हें पार्षद का टिकट जितनी जल्दी मिला था, विधायक का उतनी ही देर से मिला। खैर, राऊ से चुनाव लड़े और किनारे पर आकर किनारे पर ही रह गए। शरीर साथ दे रहा है पर उम्र का आंकड़ा मुंह चिढ़ा रहा है पर मधु भैया सक्रिय हैं। राऊ नापे जा रहे हैं। लग रहा था पिछली हार के बाद पुराने जीते-हारे विधायक जीतू जिराती फिर मैदान में नजर आएंगे लेकिन अभी ऐसा लग नहीं रहा। अभी तो पार्टी ने जीतू को राऊ से सैकड़ों मील दूर के कामों पर लगा रखा है। जीतू वहीं लगे हैं और बड़े नेताओं की निगाह में आकर वहीं से टिकट पक्का कर रहे हैं लेकिन राऊ से नहीं। कहाँ जाएंगे पता नहीं लेकिन कहने वाले कह रहे हैं भैया इंदौर से बाहर जा सकते हैं। वैसे चाहने वाले तो कालापीपल भी भेज देते हैं और महू भी पर पार्टी कहाँ भेजती है या भेजती भी है या नहीं देखना पड़ेगा। हाँ, जीतू की बाहरी भागदौड़ में मधु भैया के लिए अभी तो मैदान खुला-खुला सा दिख रहा है। बाकी तो ये राजनीति है बाबू..किस खुले मैदान में किसे दौड़ा दे पता नहीं।

कुछ सुना क्या…

ईडी उर्फ प्रवर्तन निदेशालय की गिरफ्त में आए भूमाफिया दीपक मद्दा की जुबान जैसे-जैसे खुल रही है वैसे-वैसे कई बड़ों की धड़कनें भी बढ़ रही है। ये वो बड़े हैं जो बड़े बनकर शहर में रुतबा जमाए थे और अब बड़े-बड़े दरवाजों पर जाकर बचने की जुगत में लगे हैं। गॉड ब्लेस…

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button