शिवराज के निर्देश: जल जीवन मिशन योजना में न हो खानापूर्ति, हर घर को मिले पानी

मध्य प्रदेश : भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने मंत्रालय में जल जीवन मिशन योजना (Jal Jeevan Mission Scheme) की समीक्षा की। इस दौरान सीएम ने विभागीय मंत्री और अधिकारियों से कहा कि जल जीवन मिशन जनता तक पहुंचाने की राज्य सरकार (state government) की महत्वाकांक्षी योजना है। प्रदेश की सभी जनता को जल मिले इसके लिए सरकार 40 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी। सीएम ने कहा कि योजना को पूरी सावधानी और कार्य की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर संचालित किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इस योजना में किसी भी प्रकार की खानापूर्ति न हो और सभी को सही ढंग से पानी मिले।
1 करोड़ 23 लाख परिवारों को कव्हर करना है
जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के 1 करोड़ 23 लाख परिवारों को नल के माध्यम से जल प्रदाय करना है। इनमें से गत वर्ष तक 17 लाख 72 हजार परिवारों को कव्हर किया गया है। वर्ष 2020-2021 में 19 लाख 86 हजार परिवारों को कव्हर किया गया। शेष कार्य चल रहा है। मिशन के जरिये वर्ष 2024 तक हर घर तक नल से पानी पहुँचाना है।
पानी पहुंचाने की योजना हो टिकाऊ
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मिशन के अंतर्गत पाइप लाइन बिछाने से पहले पानी का स्त्रोत सुनिश्चित कर लिया जाए। हर घर तक नल से पानी पहुंचने के साथ योजना टिकाऊ हो, यह भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मिशन के क्रियान्वयन के कार्य की विभागीय मंत्री स्पॉट चेकिंग (spot checking) करें। कार्य की गुणवत्ता और गति दोनों पर पूरा ध्यान दिया जाए। रेन्डम चेकिंग (random checking) भी करवाई जाए। योजना पूर्ण होने के बाद भी तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।
कनेक्शन के लिए 500 रूपए, मासिक शुल्क 60 रूपए
सीएम ने निर्देश दिए कि नल कनेक्शन एवं मासिक जल प्रदाय की राशि ली जाए। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जाए। नल कनेक्शन के लिए 500 रूपए सामान्य परिवारों से तथा 100 रूपए BPL परिवार से राशि ली जानी है। वहीं जल प्रदाय का मासिक शुल्क 60 रूपए प्रतिमाह निर्धारित किया गया है।
29 नवीन समूह नल-जल योजनाएं प्रस्तावित
मिशन के अंतर्गत प्रदेश में 6477 ग्रामों की 29 नवीन समूह नल-जल योजनाएं प्रस्तावित हैं। मिशन के अंतर्गत प्रत्येक शाला एवं प्रत्येक आँगनवाड़ी केन्द्र को भी कव्हर किया जा रहा है।