जिन्दगी में चाहिए सुख – समृद्धि, तो करें इन नियमों का पालन, जानिए कौन से हैं वो नियम
भोपाल – जिन्दगी में शांति, सुख – समृद्धि किस नहीं चाहिए होती है। हर कोई चाहता है कि दुख उसके पास से कोसों दूर रहे और सुख – समृद्धि का वास उसके घर में हो। अगर दूसरों की तरह आप भी ऐसा ही चाहते है तो फिर इन नियमों का पालन कर सुख सृमृद्धि पा सकते हैं। वैदिक शास्त्र में बताया गया कि अगर किसी के घर में अशांति है तो उसका कारण क्या है, और अगर कोई शांति का वास अपने घर में चाहता है तो उसे किन नियमों का पालन करना होगा, जिसके बाद आर्थिक तंगी और परेशानियां उसके घर से कोसों दूर रहेंगी। इसलिए सोते समय इन नियमों का रोजना पालन करे फिर देखिए कैसे जीवन में बदलाव आता है ।
सिर का हमेशा रखें ध्यान – सोते समय इस बात का ध्यान रखें कि आपका सिर हमेशा पूर्व दिशा की तरफ रहे। ऐसा करना शुभ रहता है। माना गया है कि इस दिशा में सोने से व्यक्ति की एकाग्रता शक्ति ज्यादा बढ़ती है। पूर्व के साथ ही यदि आप पश्चिम दिशा की तरफ सिर करके सोते हैं तो वास्तु अनुसार इसे भी शुभ माना जाता है। इससे इस दिशा में सिर रखकर सोने वाले व्यक्ति की व्यक्ति यश कीर्ति बढ़ती है।
दक्षिण दिशा – यदि आप दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सोते हैं। तो ऐसा करने से व्यक्ति के मन में आने वाले नकारात्मक विचार उससे दूर हो जाते हैं। लेकिन इस बात का खास ध्यान रखें कि कभी भी उत्तर दिशा की तरफ सिर करके न सोएं क्योंकि ऐसा करने से घर में तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
टूटी हुए पलंग पर न सोएं – इस बात का भी खास ध्यान रखना चाहिए कि जिस बेड, पलंग या चारपाई पर आप सोने जा रहे हैं वो कहीं से भी टूटा हुआ न हो। इसके अलावा बिस्तर भी पूरी तरह से साफ होना चाहिए।
पानी पीकर ही सोना चाहिए – सुख समृद्धि की प्राप्ति के लिए इस नियम का खासतौर पर पालन करना चाहिए, इस नियम से सुख समृद्धि के साथ ही आपका स्वास्थ भी ठीक रहता है। ये नियम है कि झूठे मुंह नहीं सोना चाहिए। क्योंकि इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है। ऐसे में सोने से पहले हमेशा अपना मुंह पानी पीकर साफ कर लें और हाथ पैरों को अच्छे से धो लें।
निवस्त्र होकर कभी न सोए – पश्चिमी सभ्यता का अनुशरण करते हुए बहुत से लोग अपने कंफर्ट के लिए निवस्त्र यानि कि बिना किसी कपड़े के होकर सोते हैं लेकिन ऐसा करना वास्तु अनुसार गलत माना गया है। इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें कि कभी भी पूर्ण रूप से निवस्त्र होकर न सोए।