धर्म

भगवान सूर्य को प्रतिदिन अर्घ्य देने से होते हैं लाभ,बनेंगे सारे बिगड़े काम

वैदिक ज्योतिष और पुराणों में भी सूर्य का विशेष महत्व बताया गया है। सूर्य हमारे जीवन के लिए कितना आवश्यक है यह बात हम सब जानते है सनातन धर्म में पंचदेवों में से सूर्य देव भी माने गए हैं। इसी तरह सूर्य को जल का अर्घ्य देना और जल अर्पित करना भी एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। आज से नहीं बल्कि प्राचीनकाल से यह प्रथा चली आ रही है।  ज्योतिष शास्त्र में भगवान सूर्य को सभी ग्रहों का स्वामी कहा जाता है। सूर्य को जल अर्पित करने से ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। सूर्य को जल अर्पित करना बेहद लाभदायक माना जाता है। अगर आप पूरे हफ्ते भगवान सूर्य को जल अर्पित नहीं कर पाते हैं तो सिर्फ रविवार के दिन करें शास्त्रों में मान्यता है कि सूर्य को जल अर्पित करते समय जो छीटे हमारे बदन पर गिरते हैं वो सूर्य की किरणों से प्रभावित होती है और उस जल में कई शारीरिक परेशानियों को खत्म करने की क्षमता होती है। ऐसा करने से शरीर निरोग और मन शांत रहता है।तो चलिए आज बताते हैं सूर्य को अर्घ्य देने के ज्योतिषीय और वैज्ञानिक कारणों के बारे में।

सूर्य को अर्घ्य देने का ज्योतिषीय महत्व
सौरमंडल में सूर्य को निडर और निर्भीक ग्रह माना गया है। इस आधार पर सूर्य को अर्घ्य देने वाले व्यक्ति को भी ये विशेष गुण व्यक्ति मिलते हैं। सूर्य को प्रतिदिन अर्घ्य देने से व्यक्ति कुंडली में सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है। ज्योतिषविद्या के मुताबिक हर दिन सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति की कुंडली में यदि शनि की बुरी दृष्टि हो तो उसका प्रभाव भी कम होता है। जो व्यक्ति विशेष रूप से रोजाना ऐसा करता है तो इससे उसके जीवन पर पड़ने वाले शनि के हानिकारक प्रभाव भी कम हो जाते हैं। चंद्रमा में जल का तत्व निहित होता है और जब हम सूर्य को जल देते हैं तो न सिर्फ सूर्य बल्कि चंद्रमा से भी बनने वाले शुभ योग स्वयं ही व्यक्ति की कुंडली में विशेष रूप से सक्रिय हो जाते हैं।

केवल जल अर्पित न करें
अधिकतर लोग पूजा करने के बाद केवल लोटे में जल लेकर सूर्य देव को अर्पित करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें रोली, चंदन और लाल रंग के पुष्प डालकर सूर्य को जल देना चाहिए।
इसके साथ ही उन्हें चावल अर्पित करना चाहिए और गुड़ या फिर कुछ मीठा अवश्य चढ़ाना चाहिए। इससे आपको सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।

जल चढ़ाते समय इस बात का रखें ध्यान
जब आप सूर्य को जल दे रहे हो तो ध्यान रखें की जल सीधे आपके पैरों पर नहीं गिरना चाहिए। जल चढ़ाते समय अपने दोनों हाथों को ऊपर उठाकर जल अर्पित करें ताकि सूर्य की किरण आपके शरीर पर पड़े और जल गिरते समय आपके पैरों को न छुए। माना जाता है कि यदि जल चढ़ाते समय आपके पैरों पर गिरता है तो सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है।

दिशा का अवश्य रखें ध्यान
सूर्य पूर्व दिशा से उदय होता है, इसलिए सूर्य को जल देते समय अपना मुख सदैव पूर्व दिशा की ओर रखें। कई बार बादल आने के कारण आसमान साफ नहीं होता है, जिससे सूर्य दिखाई नहीं देता है, इस स्थिति में भी पूर्व दिशा की ओर मुख करके ही जल अर्पित करें।

सूर्य को अर्घ्य देने का लाभ
1. सूर्य को आत्मा और पिता का कारक माना गया है। सूर्य को नियमित अर्घ्य देने से आत्मा शुद्ध रहती है, पिता से सुख और सहयोग प्राप्त होता है।
2. नौकरी में तरक्की और प्रभाव के लिए सूर्य देव को नियमित तौर पर जल अर्पित करना चाहिए।
3. सूर्य की पूजा करने और अर्घ्य देने से व्यक्ति में आंख और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं होने की आशंका कम हो जाती है।
4. जो लोग राजनीति में हैं, उनको नियमित सूर्य वंदना और अर्घ्य देना चाहिए. इससे प्रभाव बढ़ता है।
5. सूर्य की पूजा और अर्घ्य देने से कुंडली में इस ग्रह से जुड़े दोष धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं।

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