दक्षिण अफ्रीकी चीतों की जल्द सुनाई देगी दहाड़, 5 साल में 50 चीते लाने की योजना
भोपाल – देश के दिल मध्यप्रदेश के लिए वन्यप्राणियों को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल सूबे के कूनो अभयारण्य में कुछ नए वन्य जीव जल्द ही नजर आने वाले हैं। खबर है कि दक्षिण अफ्रीका के चीतों को लाने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अगस्त तक कूनो नेशनल पार्क में दक्षिण अफ्रीका के चीते पहुंच सकते हैं। पर्यावरण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मप्र के कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीतों के लिए 10 वर्ग किलोमीटर का एक विशेष घेरा तैयार दक्षिण अफ्रीकी चीतों के पहुंचने से पहले ही तैयार किया जा चुका है। जो कि दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे 6 चीतों का घर होगा।
5 साल में 50 चीतों को लाने की योजना
पर्यावरण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दक्षिण अफ्रीकी सरकार के साथ पहले ही इस संबंध में समझौता हो चुका है और कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा इसकी समीक्षा की जा रही है। उन्होंने बताया कि भारत में वहां से चीतों को लाने के लिए नामीबिया के साथ भी बातचीत चल रही थी, लेकिन चीतों के शिकार से संबंधित कुछ मुद्दों पर मामला अटक गया है। जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम हर साल 8-10 चीतों को पेश करने की योजना बना रहे हैं और 5 साल की अवधि में संख्या को 50 तक ले जाने की योजना बनाई जा रही है।
इसके साथ ही पर्यावरण मंत्रालय से उपलब्ध जानकारी के अनुसार चीतों के लिए की गई मप्र के कूनो अभ्यारण में की गई व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका की एक टीम अगले सप्ताह कुनो पालपुर का दौरा करेगी। बता दें कि चीते को भारत वापस लाने की चर्चा 2009 में वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा शुरू की गई थी। चीता एकमात्र बड़ा मांसाहारी है, जो पूरी तरह से भारत में समाप्त हो गया है, चीतों के खत्म होने का कारण मुख्य रूप से अधिक शिकार और निवास स्थान के नुकसान के कारण। चीतों के शिकार पर सुप्रीम कोर्ट ने एक विशेषज्ञ पैनल नियुक्त किया था, जिसने कुनो पालपुर को चीता पुनर्वास के संभावित स्थान के रूप में मंजूरी पहले ही दे दी थी ।