श्री महाकालेश्वर की अंतिम शाही सवारी 6 सितंबर को निकाली जायेगी ,होगा भव्य स्वागत
उज्जैन: सावन और भादों के माह में महाकाल की सवारी निकाली जाती है । सोमवार यानि 6 सितंबर को महाकाल की अंतिम शाही सवारी परिवर्तित मार्ग से ही निकाली जाएगी। भादो की इस आखिरी सवारी का भव्य स्वागत करने की तैयारी चल रही है। सवारी हमेशा की तरह पुजारी एवं कहारों के माध्यम से ही निकाली जाएगी। कोविड प्रोटोकॉल के कारण आमजन सवारी में शामिल नहीं हो सकेंगे। इस दिन भगवान महाकाल कई स्वरूपों में सजेंगे। उनका विशेष श्रंगार भी किया जाएगा। विशेष पूजा—अर्चना के बाद मंदिर से महाकाल निकलेंगे और नगर भ्रमण के बाद क्षिप्रा तट पहुंचेंगे। विधिवत पूजन के बाद यहां से दोबारा मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे। हर साल की तरह पुलिस बैंड अपनी सेवा देगा।
महाकाल मंदिर से शाम चार बजे ठाठ-बाट के साथ शाही सवारी की शुरुआत होगी। सवारी में सबसे आगे महाकाल मंदिर का रजत ध्वज रहेगा। पीछे अवंतिकानाथ की चतुरंगी सेना के रूप में राजसी पोशाक में सजे पुलिस का घुड़सवार दस्ता, सशस्त्र बल की टुकड़ी, पुलिस बैंड तथा अधिकारियों के साथ चुनिंदा गणमान्यजन शामिल होंगे। पालकी के साथ पुजारी तथा सुरक्षाबल के जवान चलेंगे।
हाथी पर भगवान मनमहेश तथा बैलगाड़ी पर भगवान महाकाल के अन्य मुखारविंद विराजित कर निकाले जाएंगे। सवारी का स्थानीय चैनल तथा मंदिर की वेबसाइट व फेसबुक पेज पर लाइव प्रसारण होगा। पिछली छह सवारियों की तरह शाही सवारी पर भी भक्तों का सवारी मार्ग पर प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। सवारी मार्ग पर 17 से अधिक एचडी कैमरों से चप्पे चप्पे पर नजर रखी जाएगी। सुरक्षा के चाकचौबंद इंतजाम रहेंगे।
महाकाल मंदिर से शुरू होकर सवारी बड़ा गणेश मंदिर, हरसिद्धि चौराहा, झालरिया मठ के रास्ते सिद्ध आश्रम के सामने से होते हुए मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर पहुंचेगी। यहां पूजा-अर्चना के बाद सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धि की पाल के रास्ते शक्ति पीठ हरसिद्धि मंदिर पहुंचेगी। यहां शिव-शक्ति मिलन कराया जाएगा। पश्चात सवारी हरसिद्धि चौराहा होते हुए शाम 6 बजे पुन: महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
प्रोटोकॉल से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को कटानी होगी सौ रुपए की रसीद –
महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले वीवीआईपी श्रद्धालुओं जिन्हें प्रशासन की ओर से प्रोटोकॉल उपलब्ध कराया जाता है, उन्हें अब 100 रुपए की रसीद अनिवार्य कर दी गई है। अभी सामान्य श्रद्धालुओं को नि:शुल्क दर्शन की व्यवस्था है जबकि वीआईपी दर्शन के लिए 250 रुपए की रसीद कटाना पड़ती है। इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग की जाती है।