भोपाल – इन दिनों एक फिल्म जिसका नाम ‘द कश्मीर फाइल्स’ है वो जबरदस्त तरीके से चर्चाओं में है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कमाई के साथ ही दर्शकों में अपने संवेदनशील विषय को लेकर खूब लोकप्रिय हो रही है। कश्मीरी पंडितों के विस्थापन पर बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) इन दिनों सुर्खियों में है। विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म को दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है। इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती, दर्शन कुमार और पल्लवी जोशी लीड रोल में हैं और इनके अभिनय की खूब तारीफ भी हो रही है। गुजरात और मध्यप्रदेश में इस फिल्म को टैक्स फ्री किया जा चुका है। तेजी से लोकप्रिय हो रही और बेहद संवेदनशील विषय पर बनीं इस फिल्म को देखने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार में अपने सभी सहयोगियों के साथ द कश्मीर फाइल्स फिल्म को देखने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज राजधानी भोपाल में 16 मार्च को इस फिल्म को देखेंगे।
द कश्मीर फाइल्स पर हो रही है सियासत भी
द कश्मीर फाइल्स में 1990 के दशक में कश्मीर में हुए उस भयावह मंजर को दिखाया गया है, जब वहां कश्मीरी पंडितों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। जानकारी के मुबाविक उस समय कश्मीरी हिंदुओं को रातों रात अपना घर छोड़कर भागना पड़ा था। फिल्म को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। एक वर्ग इसे ‘प्रोपोगेंडा फिल्म’ करार दे रहा है और दावा किया जा रहा है, कि इसमें कई तथ्य गलत हैं जो धार्मिक भावनाओं को आहत कर सकते हैं। वहीं मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “RSS का एकमात्र एजेंडा धार्मिक उन्माद फैलाकर हिंसा पनपाना और इस पर राजनीतिक रोटियां सेंकना.”। सिंह ने एक पत्रकार के ट्वीट को भी रिट्वीट किया, जिसमें लिखा है कि – ‘कश्मीर फाइल्स जिसे देखनी हो देखे और जिसे ना देखनी हो ना देखे । लेकिन यह तथ्य ध्यान में रखें कि अगर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा नहीं निकाली होती और पूरे भारत में मुसलमानों के खिलाफ माहौल नहीं बनाया होता तो कश्मीर में भी कश्मीरी पंडितों के खिलाफ माहौल नहीं बनता।