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यूएन पहुंचा ड्रोन हमले का मुद्दा: भारत ने कहा- भविष्य के लिए हो सकता है बड़ा खतरा

विदेश : संयुक्त राष्ट्र। जम्मू में सेना के एयरबेस (army airbase) पर हुए ड्रोन हमले का मुद्दा (drone attack issue) अब संयुक्त राष्ट्र की महासभा (United Nations General Assembly) में पहुंच गया है। भारत (India) ने संयुक्त महाराष्ट्र सभा में कहा है कि ड्रोंस से किया जा रहा हमला भविष्य के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। सामरिक और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों (terrorist activities) के लिए हथियारबंद ड्रोन (armed drone) के इस्तेमाल को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

जम्मू में हुए ड्रोन हमले को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा कि रणनीतिक और वाणिज्यिक संपत्तियों (strategic and commercial properties) के खिलाफ हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल पर ध्यान देने की जरूरत है। सीमा पार से हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन का उपयोग करने वाले आतंकवादियों को देखा है। आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ड्रोन का हथियार के तौर पर इस्तेमाल को अभी गंभीरता से नहीं लिया गया, तो भविष्य पर इस लगाम लगाना मुश्किल हो जाएगा।

क्या है मामला?
जम्मू में लगातार दूसरे दिन ड्रोन नजर आने से हड़कंप मच गया। सबसे पहले 26-27 जून की रात जम्मू एयरफोर्स स्टेशन (Jammu Air Force Station) पर ड्रोन से विस्फोट किया गया। शुरूआती जांच से पता चला है कि विस्फोटक में RDX भी शामिल हो सकता है। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले की जांच चल रही है।





ड्रोन से बना रहे मिलिट्री बेस को निशाना
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले के 24 घंटे के अंदर फिर दो ड्रोन नजर आए। लेकिन इस बार ड्रोन का टारगेट जम्मू का ही कालूचक मिलिट्री बेस (Kaluchak Military Base) था। रविवार की रात को 11:45 बजे पहला ड्रोन दिखा। इसके करीब तीन घंटे बाद देर रात 2:40 बजे दूसरा ड्रोन नजर आया। एक दिन पहले एयरफोर्स स्टेशन पर हुए हमले से सुरक्षा एजेंसियों चौकस (security agencies attentive) थी। इसलिए ड्रोन दिखते ही तुरंत हाई अलर्ट किया गया और क्विक रिएक्शन टीम एक्टिव हो गई।

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