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पीएम मोदी ने किया रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन: बोले-किन्नौरगढ़ की रानी का नाम जुड़ने से बढ़ा स्टेशन का महत्व

भोपाल। देश के पहले नवनिर्मित विश्वस्तरीय रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamalapati Railway Station) का उद्घाटन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आज का दिन राजधानी भोपाल (Bhopal) और मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) दोनों के लिए बहुत बड़ा है। उन्होंने आगे कहा कि एक समय था जब देश के नागरिकों ने रेलवे में सुधार की उम्मीदों को छोड़ दिया था, लेकिन हमारी सरकार अब उम्मीदों को पूरा करने के साथ-साथ पूरी तरह से प्रतिबद्ध भी है। इस दौरान उनके साथ मप्र के राज्यपाल मंगूभाई पटेल (Governor Mangubhai Patel), मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan), रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) मौजूद थे।

पीएम ने कहा कि भोपाल के इस ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का केवल कायाकल्प ही नहीं हुआ है बल्कि किन्नौरगढ़ की रानी कमलापति (Queen Kamalapati of Kinnaurgarh) का इससे नाम जुड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है। पीएम ने कहा कि इंदौर (Indore) तक डेमू चलने से यहां के लोगों को कई सुविधाएं मिलेंगी। इसके साथ जो भी अन्य सुविधाएं यहां विकसित की गई हैं, वह इस स्टेशन को व्यस्ततम रेलवे स्टेशन बना देगा। मोदी ने कहा कि बीते सात वर्षों में हर साल औसतन ढाई हजार किमी ट्रैक कमीशन किया गया है। इससे पहले के वर्षों में यह 1500 किमी के आसपास ही होता था। रेलवे ट्रैक के विद्युतीकरण की रफ्तार पांच गुना तक बढ़ गई है।

अब रेलवे के नाम से नहीं लगता डर
पीएम ने कहाकि रानी कमलापति रेलवे स्टेशन सुविधाओं के मामले में विश्वस्तरीय है। यहां पर यात्रियों की हर सुविधा का ख्याल रखा गया है। पीएम ने कहाकि कुछ साल पहले ऐसी हालत थी कि लोग रेलवे का नाम लेते ही परेशान हो जाते थे। पीएम ने कहाकि ट्रेन और रेलवे स्टेशन पर गंदगी, भीड़, चोरी का डर लोगों को लगा रहता है। लेकिन अब ऐसा नहीं है।

पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय रेलवे की स्थिति एक समय में इतनी बिगड़ गई थी कि लोगों ने इस बात को मान लिया था कि इसमें सुधार नहीं होने वाला और सुधार की उम्मीदें छोड़ दी थीं। लेकिन जब देश ईमानदारी से संकल्पों की सिद्धि से जुड़ता है तो सुधार आता ही आता है, परिवर्तन होता ही होता है। यह हमने बीते वर्षों में लगातार देखा है।

पहले लोग रेलवे को केवल कोसते थे: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सपने किस तरह सच होते हैं भारतीय रेलवे इसका उत्तम उदाहरण बन रहा है। छह-सात साल पहले जिसका पाला रेलवे से पड़ता था वह इसे कोसते हुए ही नजर आता था। स्टेशनों पर गंदगी, ट्रेनों की लेटलतीफी, स्टेशनों पर बैठने और खाने पीने की असुविधा, सुरक्षा की भी चिंता व दुर्घटना का डर जैसी समस्याएं थीं।

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