बंगाल चुनाव का असर: पीएमओ के आदेश के बाद वापस हुआ छोटी बचतों पर ब्याज कटौती का फैसला

नई दिल्ली। छोटी बचतों पर ब्याज दर में कटौती का फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर वापस लिया गया था। सूत्रों के मुताबिक गुरुवार को सुबह-सुबह इसके लिए पीएमओ से वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया गया। इसके बाद सुबह 8 बजे के आसपास वित्त मंत्री ने ट्वीट कर सबको इसकी जानकारी दी। रेट कटौती के फैसले को वापस लेने का यह समय काफी अहम है, क्योंकि यह बंगाल में दूसरे चरण की वोटिंग शुरू होने से मिनटों पहले ही हुआ। वित्त मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि ब्याज दरों में कटौती का यह नोटिफिकेशन ‘भूलवश’ जारी हो गया था। छोटी बचतों पर ब्याज दरों में कटौती के इस फैसले को खुद वित्त मंत्री ने बुधवार को मंजूरी दी थी।
अप्रैल से जून तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती के लिए सरकार की आलोचना की जाने लगी। असल में देश में करीब 80 फीसदी लोग ऐसी छोटी बचत योजनाओं में पैसा लगाते हैं। पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम काफी लोकप्रिय हैं, जहां लोग अपनी गाढ़ी कमाई से हुई बचत को लगाते हैं।
बना गंभीर मसला
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘ब्याज दरों में बदलाव के नोटिफिकेशन को वापस लेने का निर्देश पीएमओ से बिल्कुल सुबह-सुबह आया। इसके एक घंटे के भीतर ही पीएमओ के निर्देश के मुताबिक नए रेट को वापस ले लिया गया। यह वाकई एक गंभीर मसला बन गया।’ सुबह 7:54 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर सबको यह जानकारी दी, ” भारत सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें वहीं रहेंगी जो वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही में थीं। गलती से जारी हुआ आदेश वापस ले लिया गया है।’
इतनी आसानी से नहीं आता कटौती का फैसला
वित्त मंत्री भले यह कह रही हों कि नोटिफिकेशन गलती से जारी हो गया था, लेकिन सच तो यह है कि यह फैसला काफी सोच-समझकर और लंबी प्रक्रिया में होता है। इसके लिए कम से कम एक पखवाड़े तक वरिष्ठ अध?कारियों में विचार-विमर्श होता है। इस विमर्श प्रक्रिया में वित्त मंत्रालय के विभिन्न विभाग, डाक विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारी भी शामिल होते हैं। सिफारिशों पर वित्त मंत्री की अंतिम मंजूरी लेने के बाद ही नोटिफिकेशन जारी किए जाते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बार भी इसी तरह से पूरी प्रक्रिया का पालन हुआ था।
यह भी पढ़ें: 18 घंटे में ही बैकफुट पर सरकार: ब्याज दरों में कटौती का फैसला लिया वापस
ये हुआ था ऐलान
सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाकर 4 से 3।5 फीसदी करने का ऐलान किया था। इसके साथ ही एक वर्ष से लेकर पांच वर्ष तक की छोटी बचत योजनाओं पर भी ब्याज दर में कटौती की गई थी। पांच वर्ष तक की रिकरिंग डिपॉजिट योजना पर ब्याज दर 5।8 फीसदी से घटाकर 5।3 फीसदी कर दी गई थी। पीएम मोदी की पसंद सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर को 7।6 फीसदी से घटाकर 6।9 फीसदी करने का ऐलान किया गया था।
इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजनाओं पर ब्याज दर को 7।4 फीसदी से घटाकर 6।5 फीसदी करने का ऐलान किया गया था। इसी प्रकार से राष्ट्रीय बचत पत्र, किसान विकास पत्र पर भी ब्याज दर घटाई गई थी। पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज की दर को 7।1 फीसदी से घटाकर 6।4 फीसदी सालाना कर दिया गया था। इन सभी फैसलों को अब वापस ले लिया गया है और एक तिमाही के बाद फिर समीक्षा की जाएगी।