ग्वालियरमध्यप्रदेश

चीतों की मौत से टेंशन में आई सरकार, बचे चीतों को इन अभयारण्यों में बसाने तैयारी हुई शुरू

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में चीतों को कूनों से दूसरी जगह बसाने संबंधी गतिविधियों पर चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री को वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने चीतों को बसाने, उनको क्वॉरेंटाइन रखने की अवधि और उनकी देख-रेख से जुड़े विभिन्न पहलु पर जानकारी दी गई।

भोपाल। प्रोजेक्ट चीता के तहत श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए चीतों की लगातार मौत हो रही है। बीते दो महीने 6 चीतों की मौत हो चुकी है। इनमें मादा चीता ज्वाला के तीन शावक भी शामिल हैं। चीतों की लगातार हो रही मौत से शासन-प्रशासन तक में हड़कंप मच गया है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि चीतों को कूनो से मंदसौर जिले के गांधीसागर और सागर जिले के नौरादेही अभयारण्य में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चीतों को इन अभयारण्यों में शिफ्ट करने के लिए अधिकारियों के साथ बैठक भी की है।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में चीतों को कूनों से दूसरी जगह बसाने संबंधी गतिविधियों पर चर्चा हुई है। मुख्यमंत्री को वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने चीतों को बसाने, उनको क्वॉरेंटाइन रखने की अवधि और उनकी देख-रेख से जुड़े विभिन्न पहलु पर जानकारी दी गई। प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बैठक में सीएम को बताया है कि गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को बसाने के लिए आवश्यक तैयारी प्रारंभ हो चुकी हैं, जो नवम्बर तक पूरी होने की संभावना है। इसी तरह नौरादेही अभयारण्य में भी तैयारी प्रारंभ की जानी है।

सीएम ने दिए यह निर्देश
सीएम ने बैठक में निर्देश दिये कि नौरादेही तथा गांधीसागर अभयारण्य में इन तैयारियों के लिए टाइम लाइन निर्धारित कर इसे नवगठित प्रोजेक्ट चीता स्टीयरिंग कमेटी से अनुमोदन करवायें। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रधान मुख्य वन संरक्षक रमेश कुमार गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) जेएस चौहान और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) शुभ रंजन सेन उपस्थित थे।चौहान ने कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की वर्तमान स्थिति और चीता शावकों की मृत्यु के कारणों की जानकारी दी।

चौथे शावक के स्वास्थ्य में दिख रहा सुधार
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि 23 मई को चीता शावकों की हुई मृत्यु के संभावित कारण पोषण में कमी तथा अत्यंत गर्मी का मौसम प्रतीत होता है। चौथे शावक को रेस्क्यू कर वन्य-प्राणी चिकित्सकों की निगरानी में इलाज किया जा रहा है। शावक के स्वास्थ्य में सुधार दिख रहा है। मृत शावकों का वजन अत्यंत कम 1.6 किग्रा था, जबकि मानकों के अनुसार इस आयु के शावकों का वजन लगभग 3 कि.ग्रा. होना चाहिये। कुल छह चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया है, जिनकी दिन-रात मॉनिटरिंग की जा रही है। आगामी दिनों में 3 और चीतों को खुले जंगल में छोड़े जाने की योजना है।

Web Khabar

वेब खबर

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button