ज्योतिष

12 दिन बाद बदल जाएगा इन राशियों का भाग्य, मकर राशि में शनि देव हैं वक्री

ज्योतिष में शनिदेव को पापी और क्रूर ग्रह कहा जाता है। शनिदेव के अशुभ प्रभावों से हर कोई भयभीत रहता है। शनिदेव के अशुभ होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसा नहीं है कि शनिदेव सिर्फ अशुभ फल देते हैं। शनिदेव शुभ फल भी देते हैं। शनिदेव के शुभ होने पर व्यक्ति का भाग्योदय हो जाता है। शनिदेव रंक को भी राजा बना सकते हैं। न्याय के देवता शनिदेव अपनी गति के बीच एक बार फिर मार्गी हो जाएंगें । पंचांग के अनुसार शनिदेव12 दिनों बाद मार्गी हो जाएंगे। इस समय शनिदेव वक्री अवस्था में हैं। जिसके बाद वे इसी अवस्था में सोमवार, 11 अक्टूबर 2021 तक रहेंगे। इस दौरान शनि की इस वक्री चाल का असर सभी 12 राशियों में देखने को मिलेगा। जहां कुछ राशियों को ये लाभ देंगे वहीं कुछ की तक्लीफों में इजाफा करते दिख रहे हैं।आइए जानते हैं 12 दिन बाद किन राशियों का भाग्योदय होने जा रहा है…

मेष राशि
मेष राशि के जातकों को शुभ फल की प्राप्ति होगी। नई शुरुआत करेंगे। दुख- दर्द दूर होंगे। धन- लाभ होगा, जिससे आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। पारिवारिक जीवन सुखमय रहेगा। मित्रों के साथ समय व्यतीत करेंगे। कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।

वृषभ राशि:

आपकी राशि से नवम स्थान यानि भाग्य भाव में शनि वक्री हो रहा है। ऐसे में पैसों के लिए परेशान होना पड़ेगा। कठिन समय रहेगा धैर्य रखें।
सावधानी : संयमित रहें।
उपाय : बाबा भैरव की पूजा करें।

कर्क राशि
कर्क राशि वालों के लिए नए रास्ते खुलेंगे। नया कार्य शुरू करने के लिए समय अच्छा है। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। जीवन में नई शुरुआत करेंगे। धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों में हिस्सा लेने का अवसर मिलेगा। मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
सावधानी : फिजुल के खर्चों पर रोक लगाएं।
उपाय : भगवान विष्णु की अराधना करें।

कन्या राशि
नए अवसर मिलेंगे। नई शुरुआत करने से लाभ होगा। नौकरी और व्यापार में तरक्की करेंगे। आर्थिक पक्ष मजबूत होगा। मान- सम्मान और पद- प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा।
सावधानी : किसी भी बड़े कार्य की शुरुआत से पहले जानकारों से सलाह अवश्य लें।
उपाय : मां दुर्गा की पूजा करें।

मिथुन राशि:
आपकी राशि से अष्टम स्थान यानि आयु भाव में शनि वक्री हो रहा है। साथ ही इस समय आपकी राशि पर ढैया का प्रभाव हैं। ऐसे में इस समय स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। आय प्रभावित होगी। व्यापार में हानि होने की संभावना है।
सावधानी : वाहन चलाते समय आपको विशेष सावधान रहें।
उपाय : माता काली की पूजा करें।

सिंह राशि:
आपकी राशि से षष्ठम स्थान यानि शत्रु व रोग भाव में शनि वक्री हो रहा है। रोग स्थान होने के कारण इस समय आपको स्वास्थ्य का ध्यान रखें। बीमारियों पर खर्च होगा। वहीं शत्रु भी इस समय आपको परेशान कर सकते हैं। दौड़ भाग बनी रहेगी।
सावधानी : स्वास्थ्य से जुड़ी किसी भी परेशानी को हल्के में न लें।
उपाय : हनुमान चालीसा का पाठ करें।

तुला राशि:
आपकी राशि से चतुर्थ स्थान यानि सुख व माता भाव में शनि वक्री हो रहा है। शनि की इस स्थिति के कारण परिवार में विवाद, रोग, शोक की स्थिति रहेगी। आय प्रभावित होने की संभावना के बीच स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है। मानसिक तनाव के चलते सुखों में कमी भी संभव है।
सावधानियां: इस दौरान निवेश से बचें। यदि संभव हो तो यात्रा न करें और संयम से काम लें।
उपाय : हर शनिवार काले कुत्ते को रोटी खिलाएं।

वृश्चिक राशि:
आपकी राशि से तृतीय स्थान यानि पराक्रम व भाई-बहन भाव में शनि वक्री हो रहा है। शनि की ये चाल आपके पराक्रम में कमी लाएगी। वहीं भाई-बहनों से विवाद की संभावना के बीच कर्ज लेने की नौबत आ सकती है।
सावधानी : गुस्से पर नियंत्रण रखें।
उपाय : हर शनिवार हनुमान जी की पूजा करें।

धनु राशि:
आपकी राशि से द्वितीय स्थान यानि धन व वाणी भाव में शनि वक्री हो रहा है। इसके चलते आपकी वाणी खराब हो सकती है, संपत्ति से जुड़े मामलों में हानि की संभावना के बीच पैसों की तंगी महसूस होगी। स्वास्थ्य खराब के कारण खर्चों में अचानक वृद्धि की संभावना। वहीं किसी दुघर्टना के शिकार होने के अंदेशे के बीच इस समय आप पर कोई झूठा आरोप लगाकर फंसाने की कोशिश कर सकता है।
सावधानी: वाणी पर नियंत्रण रखें।
उपाय : हनुमान जी की पंचमुखी मुद्रा का ध्यान करते हुए उनकी पूजा करें।

मकर राशि:
आपकी राशि के प्रथम स्थान यानि लग्न भाव में ही शनि वक्री हो रहा है। जिसके चलते आपको मानसिक कष्ट, रोग, पिता को कष्ट, स्वयं के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है। ऑफिस में बढ़ती परेशानियों के बीच आप किसी वाद-विवाद में फंस सकते हैं। लेकिन, उचित होगा कि आप नौकरी छोड़ने की जल्दबाजी ना करें। व्यापार में भी इस दौरान हानि की संभावना है।
सावधानी: जल्दबाजी से बचें।
उपाय : शनिवार को शनिदेव के मंत्रों का जाप करें और हनुमान जी को लड्डुओं का भोग लगाएं।

कुंभ राशि:
आपकी राशि के द्वादश स्थान यानि व्यय भाव में ही शनि वक्री हो रहा है। शनि की इस स्थिति के चलते आपके खर्चों में अधिकता रहेगी,जिसके कारण कर्ज लेने तक की नौबत आ सकती है। इस दौरान व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी।इस समय यात्राओं से बचते हुए आपको सावधान रहना होगा। वहीं किसी करीबी से संबंध बिगड़ने की संभावना के बीच स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
सावधानी: उचित होगा संयम से काम लें।
उपाय : हनुमानाष्टक का पाठ करें।

मीन राशि:
आपकी राशि के एकादश स्थान यानि आय भाव में ही शनि वक्री हो रहा है। ऐसे में आपको आय के नए स्रोत तो मिलेंगे, लेकिन खर्च भी बहुत संभलकर करना होगा।
सावधानी: आय के नए संसाधनों की ओर निगाह बनाए रखें और मौकों को हाथ से जाने न दें।
उपाय : रामरक्षास्त्रोत व हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।

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