मध्यप्रदेश

सिंगरौली में तार-तार हुईं संवेदनाएं: आदिवासी युवती के शव को ऐसे ले गए गरीब परिजन, थक गए थे गुहार लगाकर

मौत के बाद युवती के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस कि मांग की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया। जिसके बाद परिजनों ने सरई थाना प्रभारी से एंबुलेंस उपलब्ध कराने की गुहार लगाई, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी वह शव वाहन की व्यवस्था नहीं करा सके।

सिंगरौली। मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली खबर सामने आई है। मानवता को शर्म किया है यहां के स्वास्थ्य विभाग ने। दरअसल यहां पर एक आदिवासी युवती की मौत हो गई थी, परिजनों ने उसके शव को घर ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन से एंबुलेंस की गुहार लगाई, लेकिन प्रबंधन यह व्यवस्था करने में नाकाम रहा। जिसके बाद परिजनों ने थक हारकर युवती शव खाट में रखा और 10 किलो मीटर दूर गांव की ओर पैदल ही चल दिए। हालांकि जब यह दृश्य वहां के समाजसेवी ने देखा तो उन्होंने मानवता दिखाते हुए अपने निजी वाहन से शव को घर तक पहुंचाया।

बता दें, सिंगरौली जिले में यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं घटित हो चुकी हैं। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग ने किसी तरह की सुध नहीं ली और न ही प्रशासन ने इस और ध्यान दिया। ताजा घटना की बात करें सीधी जिले के भूमिमाड थाना क्षेत्र में केसलार गांव की रहने वाली एक आदिवासी की युवती शांति सिंह की अचानक तबियत खराब हो गई थी। जिसके बाद परिजन उसे लेकर सिंगरौली के सरई सामुदायिक केन्द्र पहुंचे। इलाज के बाद परिजन युवती को उसके नाना के घर लेकर चले गए, जहां गुरुवार की सुबह अचानक युवती फिर बीमार हो गई। इसके बाद परिजन फिर आनन-फानन में अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां कुछ देन बाद ही उसकी मौत तो हो गई।

समाज सेवी ने दिखाई मानवता
वहीं, मौत के बाद युवती के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस कि मांग की, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव ले जाने के लिए एंबुलेंस मुहैया नहीं कराया गया। जिसके बाद परिजनों ने सरई थाना प्रभारी से एंबुलेंस उपलब्ध कराने की गुहार लगाई, लेकिन कई घंटे बीत जाने के बाद भी वह शव वाहन की व्यवस्था नहीं करा सके। तो आखिर में गरीब आदिवासी परिवार थक-हारकर मृतका शांति सिंह के परिजनों ने खाट पर पैदल शव को घर ले जाने लगे। वह 10 किलोमीटर की दूरी तय कर चुके थे, इसी बीच समाजसेवी प्रेम भाटी सिंह की नजर पड़ी तो, उन्होंने अपने निजी वाहन से शव को घर तक पहुंचाया।

थाना प्रभारी भी नहीं उपलब्ध करा सकें शव वाहन
इस पूरे मामले में सरई थाना प्रभारी नेहरू खंडाते ने बताया कि युवती शांति सिंह अस्पताल में इलाज के लिए आई थी, इलाज कराने के बाद वह अपने नाना के यहां रुक गई। गुरुवार सुबह उसकी अचानक मौत हो गई, शव वाहन के लिए परिजनों ने सम्पर्क किया था, लेकिन शव वाहन की व्यवस्था न होने की वजह से उपलब्ध नहीं करा सके।

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