मध्यप्रदेश के स्विट्जरलैंड में 7वां जल महोत्सव, नये साल में आपके स्वागत के लिए तैयार
मध्यप्रदेश का हनुवंतिया टापू मिनी गोवा के नाम से भी जाना जाता है। यहां की खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।

बृजेश रघुवंशी
नर्मदा के बैक वाटर में समुद्र का एहसास। खूबसूरती ऐसी की नजरें ठहर जाएं।नीला आसमान और नीला पानी। जैसे जिंदगी को खूबसूरती के रंग से सराबोर करने के लिए बेताब है। और अगर यहां पर आप अपना वक्त गुजारने के लिए आते हैं। तो यकीन मानिए बात ही कुछ और होगी।आप तैयार हैं,तो मिनी गोवा के नाम से मशहूर खंडवा का हनुवंतिया टापू भी आपके स्वागत के लिए बेताव है।मध्यदेश का स्विट्जरलैंड कहे जाने वाला ये टापू। नये साल पर आपके इस्तेबाल के लिए पूरी तरह तैयार है।जहां कुदरात के साथ-साथ रोमांच का तड़का आपकी सुबह और शाम को यादगार बना देगा।यहां की खूबसूरती सीधे आंखों से उतरकर दिल में समाने वाली है।कुदरत ने इसे जितनी खूबसूरती से संवारा है।उतनी ही सुविधाएं यहां पर्यटकों के लिए मौजूद हैं।लग्जरी और कॉटेज बनाएं गए हैं। जहां बैठकर आप दिन भर की थकान कुछ ही पल में दूर कर सकते हैं।टेंट सिटी और कॉटेज में बैठकर समुद्र जैसा नजारा देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा।
नये साल पर सातवें जल महोत्सव का मजा
मध्यप्रदेश का स्विट्जरलैंड कहे जाना वाला हनुवंतिया टापू खंडवा जिले में स्थित है।अगर अभी नये साल पर आप जाते हैं, तो आप यहां सातवें जल महोत्सव का भी लुत्फ उठा सकते हैं।क्योकि अभी यहां सातवां जल महोत्सव चल रहा है।इस महोत्सव में देशभर के पर्यटक एक्टिविटी करने पहुंच रहे हैं।
हनुवंतिया टापू की खासियत
इंदिरा सागर बांध के बैक वॉटर में बना ये टॉपू 20 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है।हनुवंतिया टापू देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक ऐसा पहला सैलानी टापू है।जिसमें नर्मदा नदी की लहरों के बीच पर्यटकों के लिए सभी सुविधाएं मौजूद हैं।वाटर स्पोर्टस के लिए क्रूज हो या वाटर स्कूटर और मोटर बोट की सुविधा। इंदिरासागर बांध हो या संत सिंगाजी की समाधि और सिंगाजी थर्मल पॉवर स्टेशन की सैर यहां पर आप सभी तरह की सुविधाओं का आनंद उठा सकते हैं।टापू पर ठहरने के लिए होटल जैसी सुविधा वाले कॉटेज भी बने हैं।बैक वॉटर के किनारे कश्मीरी लकड़ी से बने रो-हाऊस और कैंटीन की भी पूरी व्यवस्था है।पर्यटकों के आराम के लिए आकर्षक बगीचा और बीच भी बनाए गए हैं।
हनुवंतिया टापू में स्वर्ग का एहसास
खंडवा जिले से 20 किलोमीटर की दूरी पर मूंदी में स्थित हनुवंतिया टापू। इसके चारों तरफ सतपुड़ा के फैले घने जंगलों के मध्य 950 किलोमीटर में फैली नर्मदा मैया। और तवा नदी का साफ पानी।इस संगम में लगभग 100 छोटे टापू अपने अस्तित्व की कहानी को मुखर होकर स्वयं बयां करते हैं।यहीं पर अठखेलियां करती हैं ओस की स्पष्ट दिखने वाली बूंदें।जो नदी के पानी और आसमान से आने वाले ओस का फर्क समझाती हैं।बीच में जल-महोत्सव का एक बड़ा बोर्ड, जिसमें लिखा है।एमपी में दिल है बच्चे सा।ये नजारा देखकर कर आपका मन प्रफुल्लित हो जाएगा।अंतरर्राष्ट्रीय स्तर के पहले सैलानी टापू की भव्यता का दृश्य देखकर लगता है कि जैसे हम किसी विदेश में स्थित समुद्री द्वीप में भ्रमण के लिए आए हैं।मूंदी के निकट इंदिरा सागर बांध के बैक-वॉटर में बना ये हनुवंतिया टापू।मानो पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जंगल में मंगल की कहावत को चरितार्थ कर रहा हो। इससे प्रदेश का मान तो बढ़ा ही है,पर्यटकों की नजर में ये किसी स्वर्ग से कमतर नहीं है।