भोपाल

समरस हो जाता है तेलुगु समाज, समाज का प्रगति में भी योगदान : मुख्यमंत्री शिवराज

भोपाल –  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश की प्रगति में तेलुगु भाषियों का भी महत्वपूर्ण योगदान है। यह समाज समरस होने की विशेषता रखता है जो साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में भी समृद्ध है। यहाँ गद्य से अधिक पद्य का स्थान है। कुचुपुड़ी नृत्य अद्भुत कला है। साथ ही टॉलीवुड अर्थात तेलुगु सिनेमा का भारतीय सिनेमा में विशेष स्थान है। इसकी भाषा, संस्कृति और परम्पराएँ समृद्ध हैं। बाहुबली फिल्म को हम सब देखते ही रह गए। देश के सभी लोग तेलुगु फिल्मकारों को जानते हैं।

मुख्यमंत्री आज होशंगाबाद रोड मिसरौद स्थित “द ग्रेंड शुभारंभ” में तेलुगु नववर्ष “उगादी” के अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में सैकड़ों तेलुगु और अन्य फिल्मों के प्रख्यात हास्य अभिनेता श्री अली बाशा सहित तेलुगु भाषा की प्रख्यात प्रतिभाओं का सम्मान भी किया। यह कार्यक्रम तेलुगु समागम, हैदराबाद, बालाजी भक्त मंडली, भोपाल और तेलुगु सांस्कृतिक परिषद भोपाल ने संयुक्त रूप से किया था। तेलुगु समागम के अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता टी. मुरलीधर राव, गृह एवं जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, पद्मश्री दर्शनम मोगुलाय्या, भगवत गीता फाउंडेशन के संस्थापक एल.वी. गंगाधर शास्त्री,  बी.आर. नायडू, श्री पी. नरहरि उपस्थित थे।

तेलुगु भाषियों को विशेष योगदान

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में विकास के कार्य हों या अधोसंरचना के प्रोजेक्ट जैसे नर्मदा–क्षिप्रा लिंक परियोजना, की पूर्णता में तेलुगु भाषियों का विशेष योगदान रहा है। यही नहीं बरसों पहले विदिशा कलेक्टर रहे श्री बी.आर. नायडू ने दुर्घटना के पश्चात मेरी जीवन-रक्षा का कार्य किया। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के सचिव श्री पी. नरहरि ने गत तीन माह में रोजगार मेले लगाने का कार्य बहुत परिश्रम से किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विविधता में एकता हमारे भारत देश की पहचान है। हमारी परम्पराएँ अलग-अलग हैं फिर भी भारत एक है। मूल रूप से हम सब एक हैं। कार्यक्रम को मुरलीधर राव ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हिंदी के बाद तेलुगु भारत में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। आंध्र के अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक और अन्य राज्यों में भी काफी तेलुगु आबादी है। राव ने मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों का आत्मीय स्वागत किया।

प्रतिभाएँ सम्मानित

कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री का तेलुगु समाज की परम्परा के अनुसार स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित विभूतियों और विभिन्न तेलुगु भाषी प्रतिभाओं का सम्मान किया। आयोजक संस्थाओं ने भी मुख्यमंत्री का पुष्पहार, अंगवस्त्रम और सचित्र सम्मान पत्र देकर अभिनंदन किया। प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने भगवान गणेश की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में तेलुगु भाषी उपस्थित थे।

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