WTC में टीम इंडिया का फ्लॉप शो, यह खिलाड़ी बने हार की वजह

खेल: नई दिल्ली। न्यूजीलैंड (New Zealand) की टीम भारत (India) को हराकर टेस्ट क्रिकेट में पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बन गई है। न्यूजीलैंड ने फाइनल मुकाबले में भारत को 8 विकेट से शिकस्त देकर वर्ल्ड चैंपियन की ट्रॉफी (world champion trophy)अपने नाम कर ली है। पिछले दो चैंपियन ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाली टीम इंडिया (team india) WTC के खिताबी मुकाबले में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और यही हार का मुख्य कारण बना।
WTC के फाइनल मुकाबले के पहली पारी में भारतीय ओपनर्स ने अच्छी शुरूआत देने के बाद भी कुछ खास नहीं कर पाए। रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने 34 और शुभमन गिल (Shubman Gill) ने 28 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। बनाए। हालांकि क्रीज पर जमने के बाद दोनों बल्लेबाज लंबी पारी खेलने का माद्दा रखते हैं, जबकि ऐसा नहीं कर पाए। दूसरी पारी में टीम इंडिया (team india) का पहला विकेट 24 के स्कोर पर ही गिर गया था। गिल 8 रन बनाकर आउट हो गए थे। वहीं, रोहित 30 रन बनाकर पवेलियन लौटे। दोनों के जल्दी आउट होने से दबाव मध्यक्रम पर आया।
बड़े मैच में नहीं चले अनुभवी बल्लेबाज
फाइनल जैसे अहम मुकाबले में किसी भी टीम को उम्मीद होती है कि उसके अनुभवी बल्लेबाज रन बनाएंगे। टीम इंडिया के पास चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara), विराट कोहली (Virat Kohali) और अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) जैसे स्टार बल्लेबाजों की फौज है। लेकिन ये पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुए। पुजारा मैच की दोनों पारियों में कुछ खास नहीं कर सके। वह पहली पारी में 8 और दूसरी पारी में 15 रन बनाए।
कप्तान विराट कोहली पहली पारी में जरूर टच में दिखे थे। उन्होंने 44 रन बनाए। लेकिन दूसरी पारी में उनका बल्ला नहीं चला। वह 13 रन बनाकर काइल जेमिसन का शिकार बने। वहीं, रहाणे ने पहली पारी में 49 रन और दूसरी पारी में 15 रन ही बना सके। ये तीनों बल्लेबाज इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज में भी नहीं चले थे।
गेंद और बल्ले दोनों से कमाल नहीं कर पाए जडेजा
रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) से इस मैच में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही थी। उन्हें दूसरे स्पिनर के तौर पर टीम में शामिल किया गया था। तर्क ये भी दिया गया था कि जडेजा सातवें नंबर पर जरूरी रन बना सकते हैं। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। वह न तो गेंदबाजी में प्रभाव छोड़ सके और न ही बैटिंग में। जडेजा ने पहली पारी में 15 और दूसरी पारी में 16 रन बनाए। उन्होंने मैच में कुल एक विकेट लिए।
उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे पेसर्स
इस मुकाबले से पहले भारतीय पेसर्स के बारे में खूब बातें कही गईं। ईशांत शर्मा (Ishant Sharma), जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) और मो. शमी (Mo. Shami) ने पिछले दो साल में टॉप क्लास की गेंदबाजी की है। इन तीनों से फाइनल मुकाबले में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी। मौसम, पिच सब इनके अनुकूल थी। ईशांत शर्मा और मो. शमी पहली पारी में असरदार भी दिखे, लेकिन जसप्रीत बुमराह तो पूरे मैच में विकेट के लिए तरसते रहे। उन्हें एक भी विकेट नहीं मिला। वहीं, शमी ने मैच में चार और ईशांत ने तीन विकेट चटकाए। शमी और ईशांत को भी दूसरी पारी में विकेट नहीं मिला।