मध्यप्रदेश

ओबीसी आरक्षण के बिना पंचायत चुनाव कराना 70% आबादी के साथ बड़ा अन्याय: बोलीं उमा भारती

भोपाल। मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव (Madhya Pradesh Panchayat Election) में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगा दी है। जिसके बाद से राजनीतिक पार्टियों (political parties) के लिए यह एक बड़ा मुद्दा बन गया है। अब ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Former Chief Minister of MP Uma Bharti) भी मैदान में कूद पड़ी हैं। उमा भारती ने मांग की है कि प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव न कराए जाएं। उन्होंने कहा कि बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव कराना 70 फीसदी आबादी (70 percent of the population) के साथ अन्याय होगा।

उमा भारती ने कहा कि पर पंचायत चुनाव में मिल रहे आरक्षण पर न्यायिक रोक चिंता का विषय है। सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) से भी उन्होंने फोन पर कहा है कि इस वर्ग की पंचायत चुनाव में आरक्षण के साथ भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में ओबीसी की भागीदारी सुनिश्चित करने का समाधान किए बिना पंचायत चुनाव ना हो सके इसका रास्ता हमारी मध्य प्रदेश की सरकार को निकालना ही चाहिए। मुझे शिवराज जी ने बताया कि वह इस विषय पर विधि विशेषज्ञों से परामर्श कर रहे हैं।

बता दें कि शीर्ष अदालत द्वारा ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के बाद भाजपा भाजपा कांग्रेस पर ओबीसी विरोधी होने का आरोप लगा रही। तो वहीं कांग्रेस भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस (Congress) नई रणनीति पर काम कर रही है। वो मध्यप्रदेश पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की सोच रही है। मामले पर कांग्रेस टछअ कमलेश्वर पटेल ने कहा कि जो न्याय पाने कोर्ट गए थे, वो न्याय मिला नहीं और एक नई बात पकड़ाकर वापस भेज दिया गया। जो नियम विरुद्ध आरक्षण की प्रक्रिया किये बिना काम किया गया। इसके लिए पूरी तरह से सरकार जिम्मेदार है।

भाजपा-कांग्रेस अभी भी आमने-सामने
पंचायत चुनाव आरक्षण खत्म होने के मामले में मध्य प्रदेश के भाजपा व कांग्रेस नेता अभी भी आमने-सामने डटे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने कहा है कि पंचायत चुनाव में भाजपा न परिसीमन कर रही, न रोटेशन कर रही और अब न ओबीसी आरक्षण दे रही है। ओबीसी आरक्षण खत्म होने पर चुप्पी पार्टी की आत्मा की आवाज बताती है। वहीं, शिवराज सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) ने कहा है कि कांग्रेस पांच बार हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट गई। अदालत में कोई तर्क नहीं दिया। इसलिए विधानसभा में उसे इस मुद्दे पर स्थगन लाने के बजाय माफी मांगना चाहिए।

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