कपास और धागे की कीमतों में भारी उछाल, हितधारकों से केंद्र ने माँगा सहयोग
नयी दिल्ली। देश में कपास (Cotton) और धागे (thread) की कीमतों में भारी उछाल के मद्देनजर केंद्रीय कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने सभी हितधारकों से कहा है कि वे इन कीमतों में वृद्धि के मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करें। कपड़ा मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
गोयल ने मंगलवार को कपास मूल्य श्रृंखला के हितधारकों के साथ बैठक में मौजूदा सत्र में कपास और धागे की कीमतों में आए असाधारण उछाल पर विचार-विमर्श किया।
कपड़ा मंत्रालय (Textile Ministry) ने बयान में कहा कि गोयल ने सभी हितधारकों से कहा कि वे सहयोगपूर्ण तरीके से इस मुद्दे को सुलझाने का प्रयास करें, जिससे सरकार को इसमें हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं हो। मंत्री ने आगाह किया कि यदि ऐसा करना पड़ता है, तो कपास मूल्य श्रृंखला पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा।
बयान में कहा गया कि कपास मूल्य श्रृंखला के हितधारकों के साथ बैठक में कपड़ा मंत्री ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए स्पष्ट संदेश दिया। मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे को प्रतिस्पर्धा के बजाय आपसी सहयोग से सुलझाया जाना चाहिए और अप्रत्याशित मुनाफा कमाने का प्रयास नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति नहीं बननी चाहिए कि सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना पड़े। बैठक में सभी हितधारकों ने कहा कि कपास और धागे की कीमतों में कमी लाने की तत्काल जरूरत है।
बैठक में कहा गया कि आज देश में कपास की उत्पादकता एक बड़ी चुनौती है। देश में कपास की खेती के तहत बड़ा क्षेत्र आता है, लेकिन इसकी तुलना में उत्पादन काफी कम है।
गौरतलब है कि इस बार भारत में कपास की कीमतों में भारी उछाल आया है. कपास (Raw Cotton) का भाव पिछले साल 5500-6000 रुपये प्रति क्विंटल था. जो इस बार बढ़कर 12,000 रुपये क्विंटल तक पहुंच गया है. कच्चा माल महंगा होने का असर यह हुआ है कि टैक्सटाइल इंडस्ट्री और स्पिनिंग मिलों को रूई महंगों भावों पर मिली है.