भारत के बाद नेपाल में बारिश ने मचाई तबाही: भूस्खलन से अब तक 21 लोगों की मौत, दो दर्जन लापता
काठमांडो। भारत (India) में केरल (Kerala) और उत्तराखंड (Uttrakhnad) में भारी बारिश (Havy Rain), भूस्खलन (landslide) से मची तबाही के बाद अब नेपाल (Nepal) में भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई है और भूस्खलन की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। भारी बारिश से हो रहे भूस्खलन में अब तक कम से कम 21 लोगों की मौत (21 people died) हो चुकी है। जबकि दो दर्जन से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। नेपाल के गृह मंत्रालय कहा कि देश के 19 जिले बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, कई राजमार्ग बाधित हो गए हैं जबकि घरेलू उड़ानें निलंबित कर दी गई हैं।
आपदा से लोगों को बचाने के लिए राहत और बचाव का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। स्थिति इतनी भयावह है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में सैकड़ों परिवारों (hundreds of families) को अपने घर छोड़कर दूसरे स्थानों पर जाना पड़ रहा है। काठमांडू टाइम्स के अनुसार, बेमौसम बारिश के कारण आई आपदा से सुदूरपश्चिम प्रांत सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।
बाढ़ के पानी में लोगों के घर बह गए
पुलिस इंस्पेक्टर रवींद्र चंद ने बताया, जोरायल ग्रामीण नगर पालिका में बाढ़ के पानी में एक घर बह जाने से एक ही परिवार के चार सदस्यों की मौत हो गई है। एक स्थानीय सरकारी अधिकारी ने बताया कि बैतडी में शिवनाथ ग्रामीण नगर पालिका-6 में एक परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई, भूस्खलन में उनका घर ढह गया। सुदुरपशिम प्रांतीय पुलिस ने डडेलधुरा में कम से कम एक मौत और कैलाली में एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना दी है।
ये इलाके अत्यधिक प्रभावित
नेपाल के कंचनपुर, डोटी, कैलाली, डडेलधुरा, बैतडी, और बझांग जिले बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा महाकाली, करनाली और सेती नदियों में दशक का सबसे अधिक जल स्तर दर्ज किया गया है, जिससे जानमाल का भारी नुकसान हो रहा है। डोटी के जिला पुलिस कार्यालय के अनुसार, बाढ़ और भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में कम से कम नौ लोग मारे गए और एक लापता है।
2600 लोगों को विस्थापित होना पड़ा
कंचनपुर के जिला पुलिस कार्यालय ने कहा कि बीते दो दिनों में भीमदत्ता और दोधरा चांदनी नगर पालिकाओं में बाढ़ से लगभग 2,600 लोग विस्थापित हुए हैं। मंगलवार दोपहर 2 बजे महाकाली नदी में पानी का बहाव 547,224 क्यूसेक दर्ज किया गया, जो बीते कई दशकों में सबसे ज्यादा है। बझांग जिले के थलारा ग्रामीण नगर पालिका के डिकला गांव में भूस्खलन से सात घर दब गए। जिससे यहां 24 लोग लापता हो गए हैं। पुलिस उपाधीक्षक रूपक खड़का ने कहा कि भूस्खलन लगातार हो रहा है, जिसके कारण खोज और बचाव में परेशानी आ रही है।