सावन के झूला झूलने से मिलता है तनाव से छुटकारा, जानें इसके हेल्थ बेनिफिट्स

रिमझिम फुहारें और सावन का सुहावना मौसम । सावन के मौसम में प्रकृति की अलग ही खूबसूरती नजर आती है। सावन के महीने में हाथों में मेहंदी लगाकर महिलाओं के झूला झूलने की प्रथा बहुत पुरानी है। हम सब ने भी कभी ना कभी झूले पर बैठकर एन्जॉइ जरूर किया होगा।लेकिन, बहुत कम लोगों को इसके हेल्थ बेनिफिट्स के बारे में पता होगा। झूलने को एक बेहतरीन एक्सरसाइज माना जाता है. झूला झूलते वक्त झूला आगे पीछे होता है, जिसके साथ हमारा शरीर भी आगे पीछे होता है. ये पूरी प्रक्रिया शरीर के वेट और स्पीड पर निर्भर होती है। आइए जानते हैं सावन में झूला झलने के फायदे ।
झूला झूलने के हेल्थ बेनिफिट्स-
अच्छी एक्सरसाइज है झूला झूलना
झूला झूलने को एक बेहतरीन एक्सरसाइज (excercise) माना जाता है। झूला झूलते वक्त झूला आगे पीछे होता है, जिसके साथ हमारा शरीर भी आगे पीछे होता है। ये पूरी प्रक्रिया शरीर के वेट और स्पीड पर निर्भर होती है। आगे पीछे होने से कैलोरी बर्न होती है, जिससे व्यायाम ठीक तरीके से होता है। इस एक्सरसाइज से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं।
मूड होता है बेहतर
झूला झूलते वक्त इंसान के शरीर में हैप्पी हार्मोन (happy hormones) रिलीज होते हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति अच्छा महसूस करता है। तो जब कभी अगली बार आपका मूड खराब हो तो उसे अच्छा करने के लिए कुछ देर के लिए झूला झूल आएं।
बॉडी अवेयरनेस बढ़ाता है झूला
जब कोई व्यक्ति झूला झूलता है तो उसके दिमाग के साथ साथ उसकी बॉडी भी एक्टिव हो जाती है। शरीर पैरों के माध्यम से झूले को धकेलता है। ऐसा करने से शरीर की सतर्कता बढ़ती है और बॉडी उस झूले के साथ आगे और पीछे जाती है। जिससे व्यक्ति की बॉडी अवेयरनेस (body awareness) बढ़ती है।
तनाव कम करता है झूला
स्ट्रेस (stress) को कम करने में भी झूला बेहद मददगार होता है। अगर आप तनावग्रस्त है या आपका मूड खराब है तो आप झूला झूल सकते हैं। झूला झूलने से व्यक्ति को शारीरिक फायदे मिलने के साथ-साथ मानसिक फायदे भी मिलते हैं।
कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ता है झूला
झूला झूलने से व्यक्ति का कॉन्फिडेंस लेवल (confidence level) भी बढ़ता है। बता दें कि शरीर के कुछ अंग झूले के साथ संपर्क बनाए रखने के लिए कड़ी परिश्रम करते हैं। ऐसे में जब व्यक्ति का शरीर पूरी गति के साथ झूला झूलता है तो व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास का भी विकास होता है।
बैलेंस
झूला झूलने से बच्चा बैलेंस (balance) करना सीखता है। झूला झूलते समय कानों में मौजूद फ्लूइड आगे पीछे होता है जो शरीर के बैलेंस के लिए जरूरी होता है।
मसल्स को करता हैं एक्टिव
झूला झूलते वक्त शरीर काफी एक्टिव हो जाता है और बैलेंस बनाए रखने के लिए मसल्स (muscles) काफी एक्टिव हो जाते हैं। एक्टिव मसल्स के कारण ही व्यक्ति अपने गति को तेज और धीमा कर पाता है।
शरीर की कोशिकाएं एक्टिव होती हैं
झूला झूलना एक तरह का एक्सरसाइज होता है। इससे आपका सारा शरीर एक्टिव होता है। खुले वातावरण में झूला झूलने से शरीर में ताजी हवा ऑक्सीजन के रूप में जाती है, जिससे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। निष्क्रिय कोशिकाएं सक्रिय होती हैं। चूंकि आप कई तरह के पेड़ों के नीचे झूला लगाते हैं जैसे नीम, बरगद, पीपल, आम तो आपको फ्रेश ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है।