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सुप्रीम कोर्ट : आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के फैसले पर रोक, दिल्ली हाईकोर्ट का था फैसला

नई दिल्ली – आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। जिसमें आवारा कुत्तों को खिलाने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए थे। हाईकोर्ट ने कहा था कि – सामुदायिक कुत्तों को खाने का अधिकार है और नागरिकों को उन्हें खिलाने का अधिकार है।

जारी हुआ नोटिस
आवारा कुत्तों को खाना खिलाने के मामले में न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एक गैर सरकार संगठन की ओर से दायर की गई अपील पर दिल्ली सरकार, एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया और अन्य को नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा कि – यह नोटिस छह सप्ताह में वापस किया जा सकता है। इस बीच आदेश पर रोक बरकरार रहेगी।
ये था एनजीओ का तर्क 
NGO का तर्क दिया था कि हाईकोर्ट के फैसले से आवारा कुत्तों के लिए खतरा बढ़ जाएगा। NGO ने कहा कि लोगों के बीच में रहने वाले कुत्तों को आक्रमक प्रवृत्ति और लोगों पर हमला करने से रोका जा सकता है लेकिन आवारा कुत्तों के साथ ऐसा नहीं है। इसलिए किसी भी सार्वजनिक स्थान पर लोगों द्वारा आवारा कुत्तों को खाना खिलाना लोगों के लिए ही जोखिम भरा हो सकता है।
ये था हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने उपने फैसले में कहा था कि – आवारा कुत्तों को खाने का अधिकार है और नागरिकों को भी उन्हें खिलाने का अधिकार है। ऐसा करने के दौरान लोगों को सावधानी बरतनी होगी ताकि यह सुनिश्चत हो सके कि यह दूसरों पर आक्रमण नहीं करता है। एनिमल वेलफेयर बोर्ड और हर इलाके के आरडब्ल्यूए को ऐसी जगह निर्धारित करनी चाहिए, जहां लोग कुत्तों को खाना दे सकें।

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