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कैसे बच गए भारतीय मछुआरों के हत्यारे विदेशी 

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme Court of India) ने केरल (Keral) के दो मछुआरों को केरल तट के निकट फरवरी 2012 में मार डालने के मामले में आरोपी दो इतालवी नौसैनिकों (Italian Marine) के खिलाफ भारत में चल रहे आपराधिक मामले को बंद करने का मंगलवार को निर्देश दिया। न्यायालय ने केरल उच्च न्यायालय (High Court of Kerala) से पीड़ितों के वारिसों के बीच दस करोड़ रूपये के मुआवजे के आवंटन पर निगरानी रखने को कहा है।

न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की अवकाशकालीन पीठ ने इस मामले में दो इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और कार्यवाही रद्द कर दी है। पीठ ने कहा कि भारत द्वारा स्वीकृत अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता समझौता (इंटरनेशनल आर्बिटल अवॉर्ड) ( International arbitration agreement) के अनुरूप, केरल के दो मछुआरों की हत्या के मामले में नौसैनिकों मासिमिलानो लातोरे (Massimiliano Latorre) और सल्वातोरे गिरोने (Salvatore Girone) के खिलाफ आगे की जांच इटली गणराज्य (Republic of Italy) में की जाएगी।

न्यायालय ने कहा कि इटली गणराज्य की ओर से दस करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति दी गई है जो ‘‘उचित और पर्याप्त’’ है। न्यायालय ने कहा कि इस राशि में से, केरल के दोनों मछुआरों के वारिसों के नाम पर चार-चार करोड़ रूपये जमा कराए जाएं तथा बाकी के दो करोड़ रूपये नौका मालिक को दिए जाएं ।न्यायालय ने कहा कि शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराई गई दस करोड़ रूपये की राशि केरल उच्च न्यायालय स्थानांतरित की जाए जो दोनों मछुआरों के वारिसों के नाम पर चार-चार करोड़ रूपये की सावधि जमा बनाएगा। पीठ ने कहा कि मछुआरों के वारिस मुआवजे की राशि के सावधि जमा की अवधि के दौरान ब्याज की रकम निकाल सकेंगे।

उल्लेखनीय है कि फरवरी 2012 में भारत ने आरोप लगाया था कि इटली के ध्वज वाले तेल टैंकर एमवी एनरिका लैक्सी (Enrica Lexie) पर सवार दो नौसैनिकों ने भारत के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में मछली पकड़ रहे दो भारतीय मछुआरों की गोली मार कर हत्या कर दी थी।

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