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रात में खर्राटे लेते हैं पर मानते नहीं, फिटबिट बताएगा पूरा सच

नींद में खर्राटे (snoring in sleep) लेना आम बात है। आपको या आपके किसी परिचित को भी नींद में खर्राटे (Snores) लेने की आदत होगी लेकिन वे इस बात को मानते नहीं होगे या फिर अधिकतर लोगों को तो इस बात की जानकारी ही नहीं होती है कि वे नींद में खर्राटे भी लेते हैं। सैन फ्रांसिस्को (San Francisco) की फिटनेस वॉच (Fitness watch) बनाने वाली कंपनी फिटबिट(Fitbit) ने अपने एंड्राइड ऐप अपडेट (Android app update) में अब खर्राटे और शोर का पता लगाने का फीचर (Snore and Noise detect feature) भी शुरू किया है। सोते वक्त Fitbit के फिटनेस बैंड का माइक्रोफोन न्वाइज (Microphone noise) को मॉनिटर करेगा जिसमें खर्राटे की आवाज भी शामिल होगी। माइक्रोफोन को जैसे ही पता चलेगा कि न्वाइज बेसलाइन से अधिक है तो वह सबसे पहले इसकी जांच करेगा कि यह आवाज खर्राटे की है या कोई बाहरी शोर है। 9 to 5 google की रिपोर्ट के अनुसार यह नया अपडेट फिटबिट 3.42 को गूगल प्ले स्टोर पर रोल आउट किया गया है. जो कि स्लीप ट्रैकिंग सिस्टम प्रोवाइड करता है।

ऐसे काम करता है यह ट्रैकर (This is how this tracker works)
एक बार खर्राटे और शोर के फीचर को शुरू करने के बाद इसमें इनबिल्ट माइक्रोफोन स्विच (Inbuilt microphone switch) ऑन हो जाता है। इसके बाद जब यूजर सो जाता है तो इसमें लगा ट्रैकर आसपास की नॉइस को सुनता है। इसमें यूजर के खर्राटे के साथ बगल में सो रहे व्यक्ति की आवाज भी शामिल है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ट्रैकर यह अंतर नहीं कर सकता कि खर्राटे लेने वाला यूजर है या फिर यूजर के बगल वाला व्यक्ति है। लेकिन यदि वहां खर्राटे से भी तेज किसी चीज की आवाज आ रही होगी उस स्थिति में खर्राटे की आवाज वह डिटेक्ट नहीं कर पाएगा। फिटबिट ट्रेकर (Fitbit trekker) को इस तरह से तैयार किया गया है जो यह दर्शाता है खर्राटे लेने या न खर्राटे लेने में रात कैसे व्यतीत हुई।

इस तरह के नतीजे शो करता है डिवाइस (The device shows such results)
फिटबिट फिटनेस ट्रैकर इस्तेमाल करने वालों को कुछ इस तरह से नतीजे मिलते हैं। नींद में दस प्रतिशत से कम खर्राटों का पता चला, सोने के कुल समय में 10 से 40 प्रतिशत था खर्राटों का लेवल. यदि ट्रैकर किसी भी तरह के खर्राटे का पता नहीं लगा पाया तो वह यूजर को बताएगा बेडरूम में कितना शोर था जिसके लिए या को बेहद शांत या बेहद लाउड। यह डेसीबल लेवल पर काम करता है। हालांकि रात भर लगातार सुनने वाले माइक्रोफोन को यूजर के सो जाने के पहले 40 प्रतिशत से अधिक चार्ज करने की आवश्यकता होती है और बार-बार चार्ज करने की संभावना भी अधिक होती है।

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