रानीगंज में जोशीमठ जैसे हालात!सीएम बोलीं-चेतावनी के बाद भी केंद्र सरकार ने नहीं उठाया कदम…
उत्तराखंड के जोशीमठ में संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है औऱ उस पर राजनीतिक पार्टियां अपनी बयानबाजी के लिए इसे मुद्दा बना रही है।
ताजा खबर : उत्तराखंड के जोशीमठ में संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है औऱ उस पर राजनीतिक पार्टियां अपनी बयानबाजी के लिए इसे मुद्दा बना रही है। अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को हिमालयी शहर के लोगों की सुरक्षा के लिए युद्ध स्तर पर कदम उठाने चाहिए।
रानीगंज बनेगा दूसरा जोशीमठ
सीएम ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को इस तथ्य को देखते हुए बहुत पहले ही एहतियाती उपाय करने चाहिए थे, क्योंकि जोशीमठ में जमीन धंसने की भविष्यवाणी पहले ही हो चुकी थी। उन्होंने कहा कि बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के रानीगंज कोयला क्षेत्र की स्थिति जोशीमठ के समान होने वाली है क्योंकि इस क्षेत्र के लिए हम सरकार से 10 वर्षों से लड़ रहे हैं। कोयला इंडिया को लेकर सरकार ने जो पैसे देने की बात कही थी, वो आज तक नहीं दिए गए हैं।
‘पुनर्वासन प्रस्ताव पर केंद्र का नहीं आया कोई जवाब’
सीएम ममता ने कहा कि अगर रानीगंज क्षेत्र का हाल जोशीमठ जैसा हुआ तो करीब 30 हजार लोग इससे प्रभावित होंगे। इस क्षेत्र को भी इसी तरह के संकट का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि वहां भी जमीन धंसने का खतरा है। रानीगंज कोयला खदान का इलाका है। कोयला खदानों को इस्तेमाल के बाद खाली छोड़ दिया जाता है। खदानों में रेत भर दिया जाता है। जिसके बाद धंसान की स्थिति बनी रहती है। क्षेत्र में धंसान की वजह से घटानाएं होती रही हैं। राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को रानीगंज क्षेत्र का पुनर्वासन प्रस्ताव भी भेजा गया, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इस पर कोई जवाब नहीं दिया है।
‘आपदा के लिए पहाड़ी शहर के निवासी नहीं हैं जिम्मेदार’
अलीपुरद्वार के लिए रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर सीएम ममता ने मीडिया से कहा, “चेतावनी के बावजूद आवश्यक कदम क्यों नहीं उठाए गए? जोशीमठ में स्थिति बहुत खतरनाक है। इस आपदा के लिए पहाड़ी शहर के निवासी जिम्मेदार नहीं हैं। आपदा होने पर लोगों की देखभाल करना सरकार का कर्तव्य है।” उन्होंने कहा, ”सरकार को युद्धस्तर पर कदम उठाने चाहिए ताकि लोगों को परेशानी न हो।”